प्रयागराज में एबीएपी की बैठकें हमेशा बाघमाबी मठ परिसर में होती रही हैं, लेकिन अगली बैठक यहां नहीं हो सकती है क्योंकि अधिकांश संतों का मानना है कि षोडशी के अनुष्ठान से पहले मठ में ऐसा कोई आयोजन नहीं होना चाहिए। एबीएपी की बैठक या तो श्री पंचायती अखाड़े के मनहिरवानी आश्रम दारागंज में, या श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा परिसर प्रयागराज के किडगंज में हो सकती है।
एबीएपी के महासचिव और जूना अखाड़े के संरक्षक, महंत हरि गिरि ने पुष्टि की है कि महंत नरेंद्र गिरि के ‘षोडशी’ अनुष्ठान से पहले एबीएपी की एक बैठक आयोजित करने की योजना है। इसके दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी।
प्राथमिकता के आधार पर चुना जाए नया अध्यक्ष
अधिकांश संत अब चाहते हैं कि एक नया एबीएपी प्रमुख प्राथमिकता के आधार पर चुना जाए क्योंकि कुंभ 2025 की तैयारी कम से कम 2-3 साल पहले से शुरू करने की जरूरत है।
2014 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष चुने गये थे नरेंद्र गिरि
कुंभ 2013 के तुरंत बाद 2014 में महंत नरेंद्र गिरि एबीएपी अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। अखाड़ा परिषद प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही कुंभ 2019 का आयोजन भव्य तरीके से किया गया था। नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में हरिद्वार में हुई एक बैठक के दौरान इस पद के लिए फिर से चुना गया था।