बतादें कि हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस को जब मुन्ना लाल की पत्नी कलावती के प्रेम संबंधों की जानकारी हुई तो सारी बिखरी कड़ियां खुद से ही जुड़ने लगी। परिजनों से मिली जानकारी के बाद गांव वालों से पुलिस ने पूछताछ की लव स्टोरी में ट्रायंगल की बात सामने आई। आश्चर्यजनक तथ्य यह था कि कलावती का आशिक कोई और नहीं बल्कि उसका समधी सूर्यमणि था। सूर्यमणि को उसके घर से उठाया गया, पहले तो सूर्यमणि इस बात को मानने को तैयार ही नहीं था कि वह हत्या में शामिल था, लेकिन जब पुलिस ने अपने डिग्री दिखाई तो सब कुछ सामने आ गया।
पत्नी के अवैध प्रेम संबंधों के खिलाफ था पति
पुलिस का मानना है कि मुन्नालाल को जब पत्नी कलावती के प्रेम संबंधों का पता लगा तो उसे पहले जमकर फटकार लगाई और कई बार पिटाई भी की। हालांकि मुन्नालाल ने यह बात अपने समधी सूर्यमणि पर जाहिर नहीं होने दी कि वह कलावती और उसके बीच चल रहे प्रेम संबंधों को जान चुका है। मुन्ना लाल पत्नी को ही दोषी मानता था और अपने संबंध नहीं खराब करना चाह रहा था, लेकिन कलावती ने मुन्ना लाल की प्रताड़ना की पूरी जानकारी सूर्यमणि को दे दी और कहा कि अगर वह उससे संबंध रखना चाहता है तो मुन्ना लाल को रास्ते से हटाना होगा इसके बाद प्लान बना और मुन्ना लाल को रास्ते से हटा दिया गया।
पुलिस का मानना है कि मुन्नालाल को जब पत्नी कलावती के प्रेम संबंधों का पता लगा तो उसे पहले जमकर फटकार लगाई और कई बार पिटाई भी की। हालांकि मुन्नालाल ने यह बात अपने समधी सूर्यमणि पर जाहिर नहीं होने दी कि वह कलावती और उसके बीच चल रहे प्रेम संबंधों को जान चुका है। मुन्ना लाल पत्नी को ही दोषी मानता था और अपने संबंध नहीं खराब करना चाह रहा था, लेकिन कलावती ने मुन्ना लाल की प्रताड़ना की पूरी जानकारी सूर्यमणि को दे दी और कहा कि अगर वह उससे संबंध रखना चाहता है तो मुन्ना लाल को रास्ते से हटाना होगा इसके बाद प्लान बना और मुन्ना लाल को रास्ते से हटा दिया गया।
समधी और कलावती ने मुन्नालाल को मारने की रची साजिश
शंकरगढ़ थाना क्षेत्र हुई हुई हत्या का खुलासा करते हुए थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि हत्या 24 सितंबर को हुई थी और घटना को पत्नी व सूर्यमणि ने प्लान किया हुआ था। कलावती ने अपनी बीमारी का बहाना बनाया और हर रोज बेहोशी का बहाना बनाकर घर में लेट जाती। परेशान मुन्ना लाल उसे इलाज के लिए शंकरगढ़ में बंगाली डॉक्टर के पास ले गया। जहां पहले से ही मुन्ना लाल का समधी सूर्यमणि व उसका दोस्त राजेंद्र निवासी तिल्हापुर मोड़ थाना पिपरी कौशांबी आए हुए थे।
उन लोगों ने सलाह दी कि यह उपरी बीमारी है। भूत-प्रेत का चक्कर है नीबी इलाके में एक ओझा बैठता है। उसकी झाड़ फूंक से इस तरह की बीमारी दूर हो जाती है । पत्नी की बीमारी से परेशान मुन्नालाल, सूर्यमणि की बातों में आ गया और पत्नी को लेकर उसके साथ चल पड़ा। गढ़वा जंगल में गुजरने के दौरान सूर्यमणि लघुशंका के लिये रुका तो मुन्नालाल भी वही खड़ा हुआ। अचानक पीछे से मुन्नालाल पर हमला हुआ और वह अचेत होकर जमीन पर गिरा पडा। मुन्नालाल के सिर पर ताबड़तोड़ पत्थरों से वार कर उसकी हत्या कर दी गई और उसका सिर बुरी तरीके से कूंच दिया गया। फिलहाल अब सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शंकरगढ़ थाना क्षेत्र हुई हुई हत्या का खुलासा करते हुए थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि हत्या 24 सितंबर को हुई थी और घटना को पत्नी व सूर्यमणि ने प्लान किया हुआ था। कलावती ने अपनी बीमारी का बहाना बनाया और हर रोज बेहोशी का बहाना बनाकर घर में लेट जाती। परेशान मुन्ना लाल उसे इलाज के लिए शंकरगढ़ में बंगाली डॉक्टर के पास ले गया। जहां पहले से ही मुन्ना लाल का समधी सूर्यमणि व उसका दोस्त राजेंद्र निवासी तिल्हापुर मोड़ थाना पिपरी कौशांबी आए हुए थे।
उन लोगों ने सलाह दी कि यह उपरी बीमारी है। भूत-प्रेत का चक्कर है नीबी इलाके में एक ओझा बैठता है। उसकी झाड़ फूंक से इस तरह की बीमारी दूर हो जाती है । पत्नी की बीमारी से परेशान मुन्नालाल, सूर्यमणि की बातों में आ गया और पत्नी को लेकर उसके साथ चल पड़ा। गढ़वा जंगल में गुजरने के दौरान सूर्यमणि लघुशंका के लिये रुका तो मुन्नालाल भी वही खड़ा हुआ। अचानक पीछे से मुन्नालाल पर हमला हुआ और वह अचेत होकर जमीन पर गिरा पडा। मुन्नालाल के सिर पर ताबड़तोड़ पत्थरों से वार कर उसकी हत्या कर दी गई और उसका सिर बुरी तरीके से कूंच दिया गया। फिलहाल अब सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।