scriptआबादी से ज्यादा बना दिए राशन कार्ड | Make more than the population rashan card | Patrika News

आबादी से ज्यादा बना दिए राशन कार्ड

locationप्रयागराजPublished: Jan 31, 2016 12:47:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

वर्ष 2001 में बारां जिले की जनसंख्या 10 लाख 21 हजार थी वहीं 2011 की
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार जिले की आबादी 12 लाख 22 हजार तक पहुंच गई थी
यानि दो फीसदी प्रतिवर्ष की दर से 10 साल में जिले की आबादी 2 लाख बढ़ी
लेकिन नए डिजीटल राशनकार्डों में तो कुछ ही समय में आबादी कई गुना दर से
बढ़ा दी गई है।

वर्ष 2001 में बारां जिले की जनसंख्या 10 लाख 21 हजार थी वहीं 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार जिले की आबादी 12 लाख 22 हजार तक पहुंच गई थी यानि दो फीसदी प्रतिवर्ष की दर से 10 साल में जिले की आबादी 2 लाख बढ़ी लेकिन नए डिजीटल राशनकार्डों में तो कुछ ही समय में आबादी कई गुना दर से बढ़ा दी गई है।

जिले की आबादी से ज्यादा के राशनकार्ड बना दिए गए हैं। मौजूदा समय देखें तो जिले की आबादी करीब 13 लाख है लेकिन राशनकार्डों के हिसाब से यह आंकड़ा 14 लाख से अधिक तक पहुंच रहा है। डिजीटल राशनकार्ड बनने के बाद समीक्षा में यह गड़बड़झाला सामने आ रहा है। ऐसे में दोहरे राशनकार्डों को अब निरस्त किया जाएगा।

सूची से हटेंगे
समीक्षा के बाद अब तक 8-10 हजार राशनकार्ड ऐसे सामने आए हैं जो एक से अधिक बने हैं। ऐसे में रसद विभाग की ओर से पंचायत समितियों को इन दोहरे राशनकार्डों की सूची भेजी गई है। पंचायत समिति स्तर से इन्हें हटाकर सूची अपडेट की जाएगी। बारां में रसद विभाग की ओर से दोहरे राशनकार्डों को निरस्त किया जाएगा। विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटरों का टोटा है।

इधर भी नाम, उधर भी
कई लोगों की ओर से दोहरा फायदा उठाने के फेर में अलग-अलग राशनकार्ड बनवा लिए गए। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत भी गेहंू के लाभ के लिए गलत तरीके से राशनकार्ड बनवाए गए। एक राशनकार्ड में नाम होने के बावजूद दूसरे कार्ड के लिए आवेदन किया गया और राशनकार्ड बन भी गए। उच्च स्तर पर समीक्षा होने के बाद गड़बड़झाला सामने आया। ऐसे कार्डों को अब निरस्त करना शुरू किया गया है। अकेले बारां ब्लॉक में ही ऐसे 1200 राशनकार्ड सामने आए हैं।

पौने चार लाख राशनकार्ड बने
रसद विभाग की ओर से एक कंपनी से नए डिजीटल राशनकार्ड बनवाए गए। जिले में पुराने राशनकार्डों की संख्या करीब तीन लाख थी। नए डिजीटल राशनकार्ड बनने शुरू हुए तो अब तक करीब पौने चार लाख राशनकार्ड बन चुके हैं एवं आवेदनों के हिसाब से यह आंकड़ा चार लाख तक पहुंचेगा। एक राशनकार्ड में साढ़े तीन से चार सदस्यों का औसत देखा जाए तो जिले की आबादी 14 से 16 तक पहुंच रही है जबकि आबादी इससे कहीं कम है।

हां, जिले की जनसंख्या से ज्यादा के राशनकार्ड बन गए हैं। अब तक 8-10 हजार दोहरे राशनकार्ड सामने आए हैं, इन्हें पंचायत समितियों को भेज दिया है। यहां विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर नहीं होने से पंचायत समितियों को सूची भेजी गई है, वहीं से हटेंगे।
शंकरलाल, जिला रसद अधिकारी

ट्रेंडिंग वीडियो