नवंबर 2022 में पाला अधिक पड़ने के कारण रबी की फसल सरसों खराब हो गई। सरसों की फलियों का विकास नहीं हो पाया। दाने भी कमजोर रह गए। इससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ। सरकार ने तय किया कि 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए आकलन करने को टीमें खेतों में दौड़ाई गईं। करीब 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा बाधित हुआ। किसान भी 45 हजार से ज्यादा प्रभावित हुए। उस समय सरकार व जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि मुआवजे के पैसे मिलेंगे पर अब तक हाथ में नहीं आए थे।
दूसरा नुकसान गेहूं की फसल कटाई से पहले हो गया। फसल खेतों में खड़ी पक रही थी। उसी दौरान तेज बारिश व ओलो ने फसल चौपट कर दी। करीब 15 दिन किसान बारिश आदि से बेहाल रहे। इसके भी नुकसान का आकलन हुआ। करीब 80 हजार किसान प्रभावित हुआ। प्रभावित रकबा भी किसानों की संख्या के आसपास ही रहा। इसके लिए खुद सरकार ने प्रशासनिक अफसरों को फील्ड में उतारा पर इसका मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए कई बार मांग भी की गई थी।
खरीफ की फसल में आर्थिक भार होगा कम
सरकार की ओर से मुआवजे की राशि मिलने से किसानों पर आर्थिक भार कम पड़ेगा। इस समय किसान खरीफ की फसलों के लिए खेत तैयार कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के काम मुआवजे की राशि आ जाएगी। खाद, बीज आदि इस रकम से खरीद सकेंगे।
– उत्तम सिंह शेखावत, एडीएम प्रथम