– जिला प्रशासन ने मांगा रिकॉर्ड तहसीलों से पूरा रिकॉर्ड, दो से चार दिन में मुआवजा किसानों के खातों में जाएगा
– 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान वाले किसानाें को पहले प्राथमिकता, बाकी किसानों के लिए नियम तय हो रहे
– 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान वाले किसानाें को पहले प्राथमिकता, बाकी किसानों के लिए नियम तय हो रहे
अलवर. जिले के 1.25 लाख किसानों के लिए राहत की खबर है। सरसों व गेहूं की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा सरकार ने जिला प्रशासन के पास भेज दिया है। 248 करोड़ रुपए भेजे गए हैं। यह राशि 60 हजार से अधिक किसानों को वितरित किए जाने की योजना है। जिला प्रशासन ने किसानों का पूरी जानकारी तहसीलों से मांगी है। बताते हैं कि दो से चार दिन में किसानों को मुआवजा मिल जाएगा।
इस तरह चौपट हुई थी सरसों की फसल, मुआवजे का था इंतजार
नवंबर 2022 में पाला अधिक पड़ने के कारण रबी की फसल सरसों खराब हो गई। सरसों की फलियों का विकास नहीं हो पाया। दाने भी कमजोर रह गए। इससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ। सरकार ने तय किया कि 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए आकलन करने को टीमें खेतों में दौड़ाई गईं। करीब 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा बाधित हुआ। किसान भी 45 हजार से ज्यादा प्रभावित हुए। उस समय सरकार व जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि मुआवजे के पैसे मिलेंगे पर अब तक हाथ में नहीं आए थे।
नवंबर 2022 में पाला अधिक पड़ने के कारण रबी की फसल सरसों खराब हो गई। सरसों की फलियों का विकास नहीं हो पाया। दाने भी कमजोर रह गए। इससे किसानों का बड़ा नुकसान हुआ। सरकार ने तय किया कि 33 फीसदी से ज्यादा नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए आकलन करने को टीमें खेतों में दौड़ाई गईं। करीब 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा बाधित हुआ। किसान भी 45 हजार से ज्यादा प्रभावित हुए। उस समय सरकार व जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि मुआवजे के पैसे मिलेंगे पर अब तक हाथ में नहीं आए थे।
गेहूं के नुकसान के बाद तमाम किसान टूट गए
दूसरा नुकसान गेहूं की फसल कटाई से पहले हो गया। फसल खेतों में खड़ी पक रही थी। उसी दौरान तेज बारिश व ओलो ने फसल चौपट कर दी। करीब 15 दिन किसान बारिश आदि से बेहाल रहे। इसके भी नुकसान का आकलन हुआ। करीब 80 हजार किसान प्रभावित हुआ। प्रभावित रकबा भी किसानों की संख्या के आसपास ही रहा। इसके लिए खुद सरकार ने प्रशासनिक अफसरों को फील्ड में उतारा पर इसका मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए कई बार मांग भी की गई थी।
दूसरा नुकसान गेहूं की फसल कटाई से पहले हो गया। फसल खेतों में खड़ी पक रही थी। उसी दौरान तेज बारिश व ओलो ने फसल चौपट कर दी। करीब 15 दिन किसान बारिश आदि से बेहाल रहे। इसके भी नुकसान का आकलन हुआ। करीब 80 हजार किसान प्रभावित हुआ। प्रभावित रकबा भी किसानों की संख्या के आसपास ही रहा। इसके लिए खुद सरकार ने प्रशासनिक अफसरों को फील्ड में उतारा पर इसका मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा था। इसके लिए कई बार मांग भी की गई थी।
अधिक नुकसान वाले किसानों को पहले दी जाएगी रकम गेहूं व सरसों की फसल में जहां सर्वाधिक नुकसान हुआ उन किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन ने खेतों पर टीम भेजकर करवाई थी। माना जा रहा है कि 33 फीसदी से ज्यादा का जिन फसलों में नुकसान हुआ है उन किसानों को राशि दी जाएगी। इसके अलावा जिला प्रशासन अपने स्तर से भी निर्णय ले रहा है। इसकी गाइड लाइन एक-दो दिन में तैयार हो जाएंगी। बीमा वाले किसानों को एजेंसी अपने खाते से पैसे देंगी।
खरीफ की फसल में आर्थिक भार होगा कम
सरकार की ओर से मुआवजे की राशि मिलने से किसानों पर आर्थिक भार कम पड़ेगा। इस समय किसान खरीफ की फसलों के लिए खेत तैयार कर रहे हैं। ऐसे में किसानों के काम मुआवजे की राशि आ जाएगी। खाद, बीज आदि इस रकम से खरीद सकेंगे।
सरकार ने सरसों व गेहूं की फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब 248 करोड़ रुपए भेजे हैं। किसानों को मुआवजे की रूप में दिए जाएंगे। तहसीलों से किसानों का रेकॉर्ड मांगा जा रहा है।
– उत्तम सिंह शेखावत, एडीएम प्रथम
– उत्तम सिंह शेखावत, एडीएम प्रथम