एनईबी थाना पुलिस ने बताया कि मालाखेड़ा के हल्दीना निवासी संतोष खण्डेलवाल (45) पुत्र रामेश्वर खण्डेलवाल शनिवार दोपहर अपनी पत्नी बबीता (43) और पुत्री महिमा (19) के साथ बाइक पर सवार होकर हल्दीना से सूर्यनगर स्थित अपने मकान पर आए। वहां से संतोष करीब पौने एक बजे पत्नी व बेटी सहित बाइक पर सवार होकर दाउदपुर में अपने रिश्तेदार के घर रामायण पाठ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हुए।
रास्ते में सूर्यनगर मोड़ के समीप कम्बल फैक्ट्री के सामने पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मारते हुए तीनों को टायरों तले रौंद दिया, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना होते ही ट्रक चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ेने सदर थाना पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने नाकाबंदी करा ट्रक चालक भरतपुर के कामां निवासी रुकुमुद्दीन को ट्रक सहित पकड़ लिया। सूचना मिलते ही एनईबी थानाधिकारी प्रेम बहादुर जाप्ते के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक संतोष के भाई शिवदयाल की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। तीनों मृतकों का रात्रि को हल्दीना गांव में एक ही चिता पर दाहसंस्कार किया गया। दाहसंस्कार होने तक गांव के घरों में चूल्हे नहीं जले।
मौके पर लगा जाम हादसे के बाद घटनास्थल पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिससे मौके पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। आने-जाने वाले लोग हादसे को देख रुक गए। मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों की भीड़ को हटाते हुए जाम खुलवाया।
अस्पताल में मचा कोहराम पुलिस ने तुरंत तीनों शवों को अस्पताल पहुंचाया और घटना की सूचना परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन अलवर सामान्य अस्पताल पहुंचे। अस्पताल आते परिजन बिलख पड़े। जिससे अस्पताल में कोहराम से मच गया। पोस्टमार्टम के दौरान अस्पताल में भीड़भाड़ रही।
सिर्फ बेटा बचा मृतक संतोष गांव में ही परचून की दुकान करता था। उसके एक बेटी व एक बेटा था। शुक्रवार को हादसे में संतोष, उसकी पत्नी और बेटी की मौत होने के बाद परिवार में सिर्फ उसका छोटा बेटा दीपांशु बचा है,
गमगीन माहौल हादसे में तीन जनों की मौत को समाचार हल्दीना में आग की तरह से फैल गया और गांव में शोक छा गया। जब तीनों के शव एक साथ गांव में पहुंचे तो सब लोग बिलख पड़े। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल था।