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विश्व की सबसे बड़ी बोली: 36 मीटर के भूखंड की नीलामी पहुंची 2232 करोड़, जानें पूरा मामला

आवासन मंडल की अरावली विहार योजना में 120 मीटर के व्यावसायिक भूखंड के लिए एक आवेदक ने 82 लाख रुपए मीटर की बोली लगा दी। भूखंड की कीमत 98.40 करोड़ रुपए पहुंच गई।

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अलवर

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kamlesh sharma

Oct 04, 2024

भिवाड़ी। आवासन मंडल की अरावली विहार योजना में 120 मीटर के व्यावसायिक भूखंड के लिए एक आवेदक ने 82 लाख रुपए मीटर की बोली लगा दी। भूखंड की कीमत 98.40 करोड़ रुपए पहुंच गई। इसी तरह 36 मीटर के व्यावसायिक भूखंड के लिए 62 करोड़ रुपए प्रति वर्गमीटर की बोली लगा दी। भूखंड की कीमत 2232 करोड़ रुपए पहुंच गई। 120 मीटर के भूखंड संख्या सीआई 18 के लिए पहले ही दिन 82 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर की बोली आई। वहीं 36 मीटर के भूखंड संख्या सीआई 25 के लिए 62 करोड़ रुपए प्रति वर्गमीटर की बोली लग गई। वहीं मंडल के अधिकारियों ने इसको मानवीय भूल से दो जीरो अधिक लगने के कारण ऐसा होना बताया है।

आवासन मंडल ने योजना में तीन से पांच अक्टूबर तक 16 भूखंड नीलामी के लिए रखे थे। भूखंड खरीदने के लिए निवेशक कूद पड़े। भूखंड के लिए 216 आवेदकों ने अमानत राशि जमा करा बोली में भाग लिया। पहले दिन ही सभी भूखंड के भाव आसमान में पहुंच गए। 120 मीटर के सात भूखंड में प्रत्येक की आरक्षित दर 55 हजार, 36 मीटर के छह भूखंड की आरक्षित दर 55 हजार, 798 मीटर के एक भूखंड की आरक्षित दर 50 हजार रखी गई।

सेक्टर चार में गौरवपथ पर स्थित 1004 मीटर के एक भूखंड की आरक्षित दर 70 हजार और सेक्टर चार में सामुदायिक भवन की तरफ 923 मीटर के एक भूखंड की आरक्षित दर 65500 रुपए रखी गई। बोली तीन से पांच अक्टूबर तक चलेगी। 120 मीटर भूखंड के लिए 1.32 लाख ईएमडी और 36 मीटर भूखंड के लिए 39600 रुपए ईएमडी जमा हुई है। ईएमडी आरक्षित दर का दो प्रतिशत रखी गई। 120 वर्गमीटर के जिन भूखंड की आरक्षित दर 55 हजार थी, पहले दिन शाम तक ही इन पर एक लाख रुपए से ऊपर की बोलियां पहुंच गई।

इसलिए टूट पड़े खरीदार

योजना में ही कोरोना काल की दूसरी लहर 2021 में 45 हजार की आरक्षित दर पर भूखंड लॉटरी से दिए गए थे। औसतन लॉटरी में एक भूखंड पर एक से दो ही आवेदक आए। भूखंड की दर भी 45 से 50 हजार रुपए के बीच ही आवेदकों ने भरी। जो भूखंड उस समय आवेदकों ने 50 लाख में आवासन मंडल से खरीदा, उसकी कीमत अब 1.50 करोड़ पहुंच चुकी हैं।

इस सड़क पर व्यावसायिक निवेशकों का रुझान बढ़ चुका है। मुख्य सडक़ की पर्याप्त चौड़ाई है। सडक़ शहर के बीचों बीच से निकल रही है। उद्योग क्षेत्र और आवासीय इलाके को आपस में जोड़ती है। हरित पट्टी, फुटपाथ के साथ अन्य तरह से काफी जगह व्यावसायिक गतिविधि के लिए मिल रहा है। भूखंड का आकार भी इतना है कि हर तरह की गतिविधि हो सकती है। छोटा कॉप्लेक्स, शोरूम, मार्केटिंग ऑफिस और बैंक के उद्देश्य से यहां निर्माण हो सकता है।