पैथोलॉजी लैब को चलाने के लिए एमडी पैथोलॉजिस्ट योग्यता धारक का होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ) के उस निर्णय को सही माना था जिसमें पैथोलॉजी लैब में पीजी की योग्यता धारकों द्वारा ही जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर को जरूरी बताया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा है कि यदि किसी लैबोरेट्री में रिपोर्ट पीजी पैथोलॉजिस्ट की ओर से हस्ताक्षरयुक्त नहीं है तो उस स्थिति में उस रिपोर्ट को गलत माना जाएगा। ऐसे में इस तरह की रिपोर्ट देने वाली लैबोरेट्रीज को तत्काल बंद कर देना चाहिए।
प्रदेश भर में संचालित पेथोलॉजी लैब को क्लिनीकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक है। पैथोलॉजी लैब को क्लिनीकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) नियम 2013 एवं केन्द्र सरकार के नियम 2018 के तहत पंजीयन करवाना अनिवार्य है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पंजीकरण किए जाते रहे हैं। मनमानी फीस वसूली पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं मरीजों को बेहतर जांच सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से इस तरह की व्यवस्था की गई। रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता प्रावधान के तहत पैथोलॉजी लैब को पहले प्रोविजनल और बाद में स्थायी पंजीकरण कराना होगा। प्रोविजनल पंजीकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में किए जाते हैं।
पैथ लैब में खून, आरबीसी, ईएसआर, प्लेटलेट््स काउंट, सीबीसी, ब्लीङ्क्षडग टाइम, क्लोङ्क्षटग टाइम, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप व टीईसी की जांच होती है। यह है रियम
रिपोर्ट में साइन करने के लिए पैथोलॉजिस्ट का लैब में रहना जरुरी
केवल डिजिटल हस्ताक्षर से पैथोलॉजिस्ट की रिपोर्ट मान्य नहीं
एमबीबीएस और दूसरे विभागों से एमडी पैथोलॉजी लैब नहीं चला सकेंगे।
लैब टेक्नीशियन जांच रिपोर्ट पर साइन नहीं कर सकेंगे।