अलवर

यहां इतने लाख की रिश्वत लेते एसीबी के हत्थे चढ़े नायब तहसीलदार व पटवारी

एसीबी ने अलवर के नारायणपुर में नायब तहसीलदार व पटवारी को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा।जमीन रूपांतरण के लिए मांगी थी घूस।

अलवरDec 01, 2017 / 12:49 pm

Rajiv Goyal

एसीबी ने गुरुवार को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते नारायणपुर के नायब तहसीलदार भगवान सहाय यादव व मुण्डावरा के हलका पटवारी नंदराम यादव को गिरफ्तार किया। नायब तहसीलदार ने जमीन रूपांतरण के बदले रिश्वत की राशि मांगी थी। इसमें से पचास हजार रुपए उसने खुद के लिए, 40 हजार रुपए पटवारी, तीस हजार रुपए तहसीलदार व दस हजार रुपए गिरदावर के लिए मांगे थे।

एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक सलेह मोहम्मद ने बताया कि होटल व्यवसाय से जुड़ी ओएसिस इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के डायरेक्टर प्रवीण शर्मा ने हलका मुण्डावरा के भोजपुरी गांव में 19 बीघा जमीन खरीदी। इसमें से ११ बीघा में रिसोर्ट व 3 बीघा में आवासीय विला का प्रोजेक्ट बनाना था। इसके लिए भूमि का रूपांतरण कराना था, जिसके लिए वह हलका पटवारी व नायब तहसीलदार से मिला। उन्होंने कहा कि फाइल तब चलेगी, जब पैसे दोगे। प्रवीण ने 22 नवम्बर को फाइल लगा नायब तहसीलदार से पुन: मुलाकात की। इस दिन नायब तहसीलदार के पास तहसीलदार का भी चार्ज था। नायब तहसीलदार ने एक- एक लाख रुपए खुद व पटवारी के लिए, 30 हजार रुपए तहसीलदार तथा 10 हजार रुपए गिरदावर के लिए का खर्चा बताया। एक लाख रुपए ज्यादा होने की कहने पर नायब तहसीलदार ने खुद व पटवारी के लिए 70-70 हजार रुपए देने की कहा। उसने प्रवीण से कहा कि जमीन रूपांतरण में उसका व पटवारी का ज्यादा काम होता है। इस पर प्रवीण ने 22 नवम्बर को ही एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इस पर गुरुवार को एसीबी ने नायब तहसीलदार भगवान सहाय व पटवारी नंदराम के लिए 50-50 हजार, तहसीलदार के लिए 30 हजार तथा गिरदावर के लिए 20 हजार यानि कुल एक लाख 40 हजार रुपए लेकर परिवादी को तहसील भेजा। गुरुवार को भी तहसीलदार के छुट्टी पर होने के चलते नायब तहसीलदार के पास ही थानागाजी तहसीलदार का चार्ज था। नायब तहसीलदार परिवादी को अपने क्वाटर््र पर ले गया और रिश्वत की राशि ले ली। उसने परिवादी से कहा कि तेरा काम करा दूंगा। इसी दौरान एसीबी ने रिश्वत की राशि सहित नायब तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया। नायब तहसीलदार ने एसीबी को बताया कि इसमें से 50 हजार रुपए पटवारी के हैं। जब एसीबी ने उसकी पटवारी से बात कराई तो पटवारी नंदराम ने अपने 50 हजार रुपए नायब तहसीलदार को देने पर सहमति जताई। इस पर एसीबी ने पटवारी को भी गिरफ्तार कर लिया।

तहसीलदार आता तो अपने आप दे देते


नायब तहसीलदार ने एसीबी को बताया कि तहसीलदार के पास फाइल जाने पर वह उसे उसका हिस्सा अपने आप दे देता। गिरदावर को भी उसका हिस्सा मिल जाता।
एक माह में तीसरी कार्रवाई

रिश्वत लेते पकड़े जाने की लगातार घटनाओं के बाद भी सरकारी कर्मचारियों में रिश्वत का मोह छूट नहीं रहा है। साल के समाप्त होने में अभी एक माह बाकी है और अब तक एसीबी 15 कर्मचारी-अधिकारियों को रिश्वत लेते धर चुकी है। इस माह तो हद हो गई। यह एसीबी की इस माह की तीसरी कार्रवाई है। इससे पहले 8 नवम्बर को एसीबी ने अजबगढ़ पुलिस चौकी पर कार्यरत सिपाही गणेश सिंह बंजारा को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 नवम्बर को बानसूर थाने में कार्यरत एएसआई रामकिशन गुर्जर को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। अब एसीबी ने नारायणपुर के नायब तहसीलदार व मुण्डावरा पटवारी को रिश्वत लेते धरा है।
देर रात पटवारी के घर की तलाशी ली

एसीबी ने जमीन रूपांतरण के बदले 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेते नायब तहसीलदार व पटवारी की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार देर रात पटवारी के शिवाजी पार्क स्थित मकान की तलाशी ली, लेकिन तलाशी में कुछ नहीं मिला। एसीबी की टीम रात करीब 9.30 बजे पटवारी के मकान पर पहुंची। यहां करीब आधा घंटा तलाशी के बाद टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

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