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अलवर में बड़े लोगों के आगे प्रशासन से टेके घुटने, यहां खुलेआम कर रहे अवैध काम

locationअलवरPublished: May 12, 2018 07:37:40 am

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर में प्रशासन बड़े रसूखदारों के आगे बौना साबित हो रहा है। तभी तो रसूखदार धड़ल्ले से अवैध काम कर रहे हैं।

Administration failed to stop illegal construction in alwar
अलवर. शहर में गाजूकी नदी का गला घोंटने वाले रसूखदारों के आगे प्रशासन भी खामोश है। तभी तो अतिक्रमण चिह्नित करने के बाद नोटिस देकर कार्रवाई करना भूल गए। जबकि असलियत में गाजूकी नदी का अस्तित्व ही संकट में है। गाजूकी पुलिया से गुजरते समय आमजन भी यह देखकर चकित है कि गाजूकी पुलिया 90 प्रतिशत दब चुकी है। मतलब जितनी दूरी में पुलिया है उसमें से केवल 10 प्रतिशत हिस्सा ही खुला बचा है। बाकी दोनों तरफ से पक्का निर्माण हो चुका है। हाल में चल रहे निर्माण ने तो पूरी नदी को ही खत्म करने की तैयारी कर ली, जिसकी शिकायत के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण तो चिह्नित कर लिया, नोटिस के दो माह के बाद भी कार्रवाई नहीं की।
मौका दिया स्टे लाने का शिकायत के बाद नायब तहसीलदार सहित पूरी टीम ने जमीन का मौका देखा। साफ तौर पर बहाव क्षेत्र में अवैध निर्माण मिला। 91 के तहत अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिए। इसके बाद बेदखल करने की कार्रवाई को जानबूझकर विलम्ब किया गया। नोटिस देने के 15 दिन बाद तक कार्रवाई नहीं की गई। इस बीच कोर्ट से स्टे मिल गया। अब प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं होने देंगे, जिसके लिए न्यायालय में पुख्ता सबूत पेश करेंगे। स्टे हटते ही बेदखल करने की कार्रवाई की जाएगी।
कई दूसरे मामलों में भी ऐसा हुआ

अलवर शहर में पिछले करीब दो साल में कई बड़ी जमीनों पर अवैध निर्माण के मामलों में ऐसा हुआ है। प्रशासन के नोटिस देने के बाद कार्रवाई में इतना विलम्ब किया गया कि आगे कोर्ट का स्टे हो गया। जिस कारण शहर में भूरासिद्ध मंदिर के निकट कई दुकानें बन गई। अशोका टाकीज के निकट अवैध दुकानें खड़ी हो गई। स्टे के बाद हालात जस के तस हैं ।अब यही गाजूकी नदी के बहाव क्षेत्र की जमीन पर हो रहा है। कार्रवाई की जाएगी।
91 के तहत नोटिस देकर बेदखल करने की कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद कोर्ट का स्टे हो गया। वैसे हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि बहाव क्षेत्र की जमीन पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पूरी लड़ाई लड़ेंगे।
सुरेश चन्द
तहसीलदार, अलवर
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