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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निरीक्षण करने आई टीम ने भिवाड़ी के वायु प्रदूषण के जिम्मेदारों को लगाई फटकार

locationअलवरPublished: Oct 21, 2019 04:06:22 pm

Submitted by:

Lubhavan

Air Pollution In Bhiwadi : भिवाड़ी में वायु प्रदूषण पर एपका टीम के चेयरमैन ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई।

Air Pollution Increasing In Bhiwadi Of Alwar

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर निरीक्षण करने आई टीम ने भिवाड़ी के वायु प्रदूषण के जिम्मेदारों को लगाई फटकार

भिवाड़ी. Air Pollution In Bhiwadi : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एपका के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल के नेतृत्व में शनिवार को भिवाड़ी उद्योगों में हो रहे वायु प्रदूषण का जायजा लेने आई टीम ने यहां की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। एपका चेयरमैन डॉ. भूरेलाल ने निवर्तमान पीसीबी के निवर्तमान आरओ केसी गुप्ता को भिवाड़ी की गलत रिपोर्टिंग करने को लेकर कोसा और हाल आरओ विवेक गोयल, नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट एवं मुख्य अभियंता विजय सिंघल को भी लताड़ लगाई। एपिका चेयरमैन के आने से चार-पांच दिन पूर्व से ही उनकी टीम भिवाड़ी में चल रहे वायु प्रदूषण का सर्वे कर रही थी।
शनिवार को भिवाड़ी आए एपका चेयरमैन को अलवर और भरतपुर जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर वायु प्रदूषण की समीक्षा करनी थी। इसके लिए शनिवार को बीएमए सभागार में हुई बैठक में डॉ. भूरेलाल को पीसीबी, नगर परिषद और रीको सहित अन्य संबंधित विभागों के व्यवस्थावादी अधिकारियों ने वायु प्रदूषण को लेकर भिवाड़ी की स्थिति संतोषजनक बताई। लेकिन बीएमए सचिव जसवीर सिंह के आग्रह पर जब वे स्वयं बीएमए भवन से निकलकर डंपिंग यार्ड वगैरह का अवलोकन करने गए तो वहां के हालात देखकर उखड़ गए। दरअसल बिना चारदीवारी के डंपिंग यार्ड में खुलेआम औद्योगिक कचरा जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण की मात्रा अपनी सीमा को लांघ जाती है। खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में उन्होंने जायजे के दौरान वहां के डंपिंग यार्ड अधिक दयनीय स्थिति में पाए, जिस पर उन्होंने जबरदस्त नाराजगी जताई। गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजस्थान के भिवाड़ी, जयपुर, पाली और जोधपुर सहित देशभर के सौ से अधिक औद्योगिक शहरों में अनियंत्रित वायु प्रदूषण के चलते इनमें नए रेड और ऑरेंज श्रेणी के उद्योग स्थापित करने पर पूर्णतया रोक लगाई हुई है।
वहीं ग्रीन एवं व्हाइट श्रेणी के साथ नियम मानने वाले उद्योगों को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। यह कार्रवाई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के 2018 के सर्वे के दौरान दौरान वायु प्रदूषण सूचकांक के औसत से अधिक मिलने पर की गई थी। एनजीटी का कहना है कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह प्रदूषण फैलाकर व्यापार करे।
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