शनिवार को भिवाड़ी आए एपका चेयरमैन को अलवर और भरतपुर जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर वायु प्रदूषण की समीक्षा करनी थी। इसके लिए शनिवार को बीएमए सभागार में हुई बैठक में डॉ. भूरेलाल को पीसीबी, नगर परिषद और रीको सहित अन्य संबंधित विभागों के व्यवस्थावादी अधिकारियों ने वायु प्रदूषण को लेकर भिवाड़ी की स्थिति संतोषजनक बताई। लेकिन बीएमए सचिव जसवीर सिंह के आग्रह पर जब वे स्वयं बीएमए भवन से निकलकर डंपिंग यार्ड वगैरह का अवलोकन करने गए तो वहां के हालात देखकर उखड़ गए। दरअसल बिना चारदीवारी के डंपिंग यार्ड में खुलेआम औद्योगिक कचरा जलाया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण की मात्रा अपनी सीमा को लांघ जाती है। खुशखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में उन्होंने जायजे के दौरान वहां के डंपिंग यार्ड अधिक दयनीय स्थिति में पाए, जिस पर उन्होंने जबरदस्त नाराजगी जताई। गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजस्थान के भिवाड़ी, जयपुर, पाली और जोधपुर सहित देशभर के सौ से अधिक औद्योगिक शहरों में अनियंत्रित वायु प्रदूषण के चलते इनमें नए रेड और ऑरेंज श्रेणी के उद्योग स्थापित करने पर पूर्णतया रोक लगाई हुई है।
वहीं ग्रीन एवं व्हाइट श्रेणी के साथ नियम मानने वाले उद्योगों को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। यह कार्रवाई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के 2018 के सर्वे के दौरान दौरान वायु प्रदूषण सूचकांक के औसत से अधिक मिलने पर की गई थी। एनजीटी का कहना है कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह प्रदूषण फैलाकर व्यापार करे।