अभी तक जिला मुख्यालय अलवर नगर परिषद ही ओडीएफ से दूर है। यहां लक्ष्य से काफी कम शौचालय बन सके हैं। इसी तरह भिवाड़ी नगर परिषद के अलावा अन्य पांच नगर पालिकाएं भी ओडीएफ नहीं हो सकी है। जबकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक नगर निकाय को करोड़ों रुपया बजट मिला है। बजट व मद के अनुसार प्रत्येक नगर निकाय क्षेत्र के अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली। कम प्रगति वाले निकायों के अधिकारियों को अधिक ध्यान देने पर जोर दिया है। इस दौरान नगर परिषद आयुक्त संजय शर्मा सहित जिले की अन्य नगर निकायों से अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
शहर अभी भी कचरे से अटा पड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण में दोनों बार अलवर शहर फिसड्डी रहा है। इस बार भी कोई सुधार नहीं है। कचरा हर जगह पड़ा मिलता है। सफाई के इंतजाम फेल हैं। पॉलिथीन में पूरा शहर जकड़ा पड़ा है। डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू कराने के लिए 17 ऑटो टिपर चला जरूर दिए, लेकिन कोई योजना नहीं है। आमजन को जानकारी तक नहीं है।
स्वच्छता सर्वेक्षण को रहें तैयार उप निदेशक असलम खान ने निकायों के अधिकायिों से स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े बिन्दुओं पर भी जानकारी ली। सबको स्पष्ट निर्देश दिए कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के तहत सर्वे चल रहे हैं। हालांकि अभी तक अलवर शहर में सर्वेक्षण की टीम नहीं पहुंची है। तिजारा व राजगढ़ में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए सर्वे की प्राथमिक टीम आ चुकी है। अलवर नगर परिषद क्षेत्र में भी सर्वे की टीम कभी भी आ सकती है।