दरअसल, मत्स्य विश्वविद्यालय की ओर से इस खामी को लेकर मीटिंग का आयोजन किया गया था। लेकिन इस मीटिंग का आयोजन महंगे निजी होटल में किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय की खामी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन करने पहुची थी। लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला, जैसे ही एबीवीपी को सूचना मिली की मीटिंग एक महंगे निजी होटल में आयोजित की गई है तो वे तत्काल उस होटल पहुंच गए और वहां नारेबाजी करने लगे।
एबीवीपी के पदाधिकारियों का कहना था कि महंगी होटल में मीटिंग आयोजित कर पैसों की बर्बादी की जा रही है। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन खुद के आराम के लिए पैसों की बर्बादी कर रहे हैं। गौरी देवी महिला महाविद्यालय की अध्यक्ष लता भोजवानी का कहना है कि यह मीटिंग विश्वविद्यालय में आयोजित की जा सकती थी, अलवर में कई सरकारी कॉलेज हैं, वहां इस मीटिंग का आयोजन किया जा सकता था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन जान बूझकर अपने आराम के लिए पैसों की बर्बादी कर रहा है।
उप कुलपति ने मिलने से किया इनकार एबीवीपी के पदाधिकारी उप कुलपति से मिलना चाह रहे थे, लेेकिन उप कुलपति उनसे नहीं मिले। कुलपति ने विद्यार्थी परिषद को शाम 4 बजे मिलने का समय दिया है।
नारेबाजी के बाद बुलानी पड़ी पुलिस विश्वविद्यालय की ओर से पैसों की बर्बादी के खिलाफ विद्यार्थी परिषद की ओर से वहां नारेबाजी की गई। इसके तुरंत बाद ही होटल मालिकों की ओर से पुलिस बुलाई गई। पुलिस की समझाइस पर विद्यार्थी शांत हुए, और वहां से जाने का निर्णय लिया।