एसीबी की टीम अलवर में अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार अलवर नगर परिषद की ओर से हाल ही में जारी किए गए विकास कार्यों के टेंडर में सभी ठेकेदारों से पैसे एकत्रित कर रिश्वत के तौर पर लिए जा रहे थे। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि अलवर नगर परिषद के पार्षद नरेन्द्र मीणा, ठेकेदार रमेश गुप्ता और संजीव भार्गव रिश्वत लेते ट्रैप हुए हैं। एसीबी ने टेंडर पर कमीशन लेते हुए गिरफ्तार किया है। जयपुर और सवाई माधोपुर एसीबी ने कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी के डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर एएसपी सुरेन्द्र शर्मा और एएसपी बजरंग सिंह ने कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी की टीम एक माह से अलवर में रैकी कर रही थी और आज कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ठेकेदारों के घरों पर छानबीन कर रही है।
आयुक्त से पूछताछ, पार्षद के घर तलाशी एसीबी की टीम नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा से पूछताछ कर रही है, वहीं पार्षद नरेन्द्र मीणा के घर की तलाशी ली जा रही है। बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार टेंडर पर कुल पांच प्रतिशत रिश्वत लेना तय हुआ था। एसीबी ने ढाई प्रतिशत यानी 5 लाख 15 हजार रुपए लेते हुए ट्रेप किया है। ढाई प्रतिशत राशि पूर्व में ले ली गई थी।
सभापति भी हुई थी गिरफ्तार अलवर और जयपुर एसीबी की संयुक्त टीम ने 22 नवंबर को अलवर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता और उसके पुत्र कुलदीप गुप्ता को उनके घर से 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। सभापति ने यह रिश्वत राशि नगर परिषद की दुकानों की नीलामी की बोली लगाने वाले व्यक्ति से उसके भुगतान के बिल पास करने की एवज में ली थी। रिश्वत लेने के आरोप में दोनों मां-बेटे जेल भी गए थे, फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर हैं।