अब दो साल दोनों डिग्री बीएसटीसी का कोर्स पहले से दो साल का है। अब बीएड का कोर्स भी दो साल का हो गया है। इसके कारण भी काफी संख्या में लोग बीएड की बजाय बीएसटीसी को महत्व देते हैं। ताकि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करते ही नौकरी लगने का अवसर जल्दी मिल जाए। जबकि बीएड तो स्नातक के बाद की जा सकती है।
जहां अधिक पद वहीं से आवेदन जिन अभ्यर्थियों ने दोनों डिग्रियां ले रखी हैं। वे पदों की संख्या के मुताबिक परीक्षा देते हैं। प्रारंभिक शिक्षा (बीएसटीसी योग्यताधारी) में या द्वितीय श्रेणी (बीएड डिग्रीधारी) में अधिक पद निकले तो उसी परीक्षा का फॉर्म भरते हैं। ताकि अधिक अवसर रहे नौकरी लगने का।
पूर्व सैनिक भी अधिक आ रहे अब पूर्व सैनिक भी अधिक संख्या में शिक्षक बनने की लाइन में आ रहे हैं। यह हालात पूरे प्रदेश में है। तभी तो अब बीएसटीसी करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। राजस्थान के अलावा बाहर से भी एसटीसी करने वालों की संख्या अब अधिक होती जा रही है।
बीएड कर चुके वापस एसटीसी कर रहे
बेरोजगारी इतनी अधिक है कि बीएड कर चुके अभ्यर्थी वापस बीएसटीसी कर रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी बहुत अधिक है। युवा निराश हैं। इसलिए कर्ज लेकर हर अवसर ले रहे हैं। ताकि कहीं मौका मिल सके।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, बेरोजगार महासंघ
बेरोजगारी इतनी अधिक है कि बीएड कर चुके अभ्यर्थी वापस बीएसटीसी कर रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी बहुत अधिक है। युवा निराश हैं। इसलिए कर्ज लेकर हर अवसर ले रहे हैं। ताकि कहीं मौका मिल सके।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, बेरोजगार महासंघ