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सरकारी नौकरी चाहिए, भले बीएड के बाद करनी पड़े फिर बीएसटीसी

locationअलवरPublished: May 21, 2018 11:35:56 am

Submitted by:

Prem Pathak

अब एसटीसी करने वालों की संख्या बढ़कर बीएड करने वालों से दोगुना हो गई

Alwar : b.ed education in alwar

सरकारी नौकरी चाहिए, भले बीएड के बाद करनी पड़े फिर बीएसटीसी

पांच साल पहले बीएड करने वालों की संख्या एसटीसी करने वालों से कई गुना अधिक
होती थी

अलवर. किसी भी कीमत पर सरकारी नौकरी चाहिए। तभी प्रदेश में बीएड कर चुके अभ्यर्थी अब बीएसटीसी कर रहे हैं। आप भी यह जानकर चौंक जाएंगे कि अलवर जिले में इस साल 38 हजार अभ्यर्थियों ने बीएसटीसी परीक्षा दी है। जबकि बीएड में प्रवेश के लिए होने वाली पीटीईटी परीक्षा में केवल 15 हजार अभ्यर्थी ही शामिल हुए। पांच साल पहले यह संख्या उल्टी हुआ करती थी।
बीएड करने वालों की संख्या बीएसटीसी करने वालों से कई गुना अधिक होती थी। तभी तो यह माहौल बदला कि बीएसटीसी वाले पांच से दस अभ्यर्थियों में से एक का चयन हो जाता था और बीएड करने वालों को 100 से 200 में से एक को नौकरी मिलती है। इसे देखते हुए अब उल्टा हो गया। बीएड कर चुके अभ्यर्थी भी एसटीसी कर रहे हैं। जिसके कारण अब संख्या बदल गई है। बेरोजगार हर संभव सरकारी नौकरी पाने के लिए यह सब कर रहे हैं। ताकि कहीं न कहीं एक मौका लग जाए। जिसके कारण बीएसटीसी व पीटीईटी परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बड़ा अंतर आता जा रहा है।
अब दो साल दोनों डिग्री

बीएसटीसी का कोर्स पहले से दो साल का है। अब बीएड का कोर्स भी दो साल का हो गया है। इसके कारण भी काफी संख्या में लोग बीएड की बजाय बीएसटीसी को महत्व देते हैं। ताकि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करते ही नौकरी लगने का अवसर जल्दी मिल जाए। जबकि बीएड तो स्नातक के बाद की जा सकती है।
जहां अधिक पद वहीं से आवेदन

जिन अभ्यर्थियों ने दोनों डिग्रियां ले रखी हैं। वे पदों की संख्या के मुताबिक परीक्षा देते हैं। प्रारंभिक शिक्षा (बीएसटीसी योग्यताधारी) में या द्वितीय श्रेणी (बीएड डिग्रीधारी) में अधिक पद निकले तो उसी परीक्षा का फॉर्म भरते हैं। ताकि अधिक अवसर रहे नौकरी लगने का।
पूर्व सैनिक भी अधिक आ रहे

अब पूर्व सैनिक भी अधिक संख्या में शिक्षक बनने की लाइन में आ रहे हैं। यह हालात पूरे प्रदेश में है। तभी तो अब बीएसटीसी करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। राजस्थान के अलावा बाहर से भी एसटीसी करने वालों की संख्या अब अधिक होती जा रही है।
बीएड कर चुके वापस एसटीसी कर रहे
बेरोजगारी इतनी अधिक है कि बीएड कर चुके अभ्यर्थी वापस बीएसटीसी कर रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी बहुत अधिक है। युवा निराश हैं। इसलिए कर्ज लेकर हर अवसर ले रहे हैं। ताकि कहीं मौका मिल सके।
उपेन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, बेरोजगार महासंघ
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