अलवर शहर में सुबह से ज्यादातर व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। वहीं गली-मोहल्लों में भी लोगों ने दुकानें शाम तक बंद रखी। हालांकि कुछ लोग मोहल्लों में लोगों को शटर ऊंची कर जरूरत का सामान देते भी दिखे। ज्यादातर लोगोें ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तथा बंद समर्थकों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। कुछ स्थानों पर सुबह के समय कचोरी की ठेली व गन्ने के जूस की रेडियां व दुकानों को बंद समर्थकों ने बंद भी कराया।कृषि उपज मंडी व सब्जी मंडी में नहीं हुआ कारोबार
अलवर बंद के चलते शहर की कृषि उपज मंडी, थोक और रिटेल की सब्जी मंडी में कारोबार पूरी तरह बंद रहा। यहां दुकानदारों ने दुकानें नहीं खोली। इस कारण कृषि उपजमंडी व थोक फल सब्जी मंडी में अन्य दिनों की तरह चहल पहल नहीं रही तथा दिन भर सन्नाटा पसरा रहा।सड़कों पर सूनापन-
बंद के दौरान सड़कों पर सूनापन रहा। शहर में व्यापारिक गतिविधियां बंद होने तथा सरकारी अवकाश के चलते ज्यादातर लोग घरों पर ही रहे। इस कारण सड़कों पर आवाजाही कम रही। वहीं कॉलोनियों में फेरी लगाकर सब्जी व अन्य सामान बेचने वाले भी दिखाई नहीं दिए।थम गया करोड़ों का कारोबार-
अलवर जिला मुख्यालय पर थोक व रिटेल सब्जी मंडी व कृषि उपज मंडी बंद रहने के कारण किसान अपनी कृषि जिंसों को बेचने के लिए नहीं लाए। अलवर जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में इन दिनों एक ही दिन में 50 से 55 करोड़ का कारोबार होता है जिसमें सरसों, गेहूं, जौ, चना और ग्वार मुख्य है। अलवर की थोक सब्जी मंडी से सब्जी दिल्ली तक जाती है जो बंद के दौरान नहीं जा सकी। अलवर में सब्जी मंडी थोक व रिटेल का कारोबार एक ही दिन का 5 करोड़ का होता है। इसी प्रकार सभी व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गई, जिससे एक ही दिन में अलवर शहर में करीब 356 करोड़ की व्यापारिक गतिविधियों पर ब्रेक लग गया।