इसके बाद बंद समर्थक शहर में बाजार बंद कराने के लिए रवाना हो गए। बंद समर्थक दोपहर तक शहरभर में घूम-घूमकर बाजार बंद कराते रहे। सभी लोग दोपहर करीब एक बजे फिर से होपसर्कस पर एकत्रित हुए। वहां सवर्ण समाज के लोगों ने अपने एससी/एसटी संशोधन विधेयक को लेकर अपने विचार रखे। इसके बाद पैदल और दुपहिया वाहनों से कलक्ट्रेट पहुंचे। इसके बाद सवर्ण समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने अपनी मांगों के सम्बन्ध में जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन दिया। इसके बाद फिर होपसर्कस पहुंचे। वहां भोजन करने के बाद वापस शहर में टोलियों के रूप में रवाना हो गए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने शाम 3.55 बजे रैली समाप्ति की घोषणा कर दी। बंद समर्थक को थाने में बैठाने पर थाने के बाहर हंगामाबंद समर्थक कुछ युवा हनुमान चौराहे के समीप मार्बल मार्केट में खुली कुछ दुकानें बंद कराकर जीप में सवार होकर लौट रहे थे।
इसी दौरान एनईबी थाने से कुछ दूर स्थित 200 फीट रोड टी-प्वाइंट पर पुलिस उपाधीक्षक (शहर) डॉ. प्रियंका ने उनकी गाड़ी को रोका। शोर-शराबा करने पर पुलिस उपाधीक्षक एक युवक और उनकी जीप को थाने ले आई। इस घटना का पता लगते ही बंद समर्थक और व्यापारी एनईबी थाने के बाहर एकत्रित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। बंद समर्थकों और पुलिस अधिकारियों की एनईबी थाने के अंदर बैठकर वार्ता हुई। इसके बाद युवक को छोड़ दिया गया तथा गाड़ी को चालान भरकर छोड़ा गया। गाड़ी बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष संजय पंडित की थी। मण्डी मोड़ पर भी तनाव की स्थिति बनीशहर के मंडी मोड़ स्थित शराब की दुकान खुली हुई थी। बंद समर्थक वहां पहुंचे और दुकान बंद करा दी। इस दौरान दुकान के बाहर रखे कोल्ड-ड्रिंक के कैरेट गिर गए, जिससे बोतलें फूट गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस उपाधीक्षक (दक्षिण) अशोक चौहान तत्काल मौके पर पहुंचे और लोगों को वहां से रवाना किया।कलक्ट्रेट में बिना नारेबाजी करते हुए घुसेसवर्ण समाज के लोग नारेबाजी करते हुए होपसर्कस से बजाजा बाजार, त्रिपोलिया, सुभाष चौक होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। गेट पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बेरिकेट लगाकर रोक दिया। इसके बाद संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों से कोर्ट परिसर में बिना नारेबाजी किए शांतिपूर्वक तरीके अंदर जाने की अपील की। पुलिस अधिकारियों की अनुमति के बाद सभी लोग कलक्ट्रेट परिसर में घुसे। जिला कलक्टर कार्यालय को जाने वाली सीढिय़ों से पहले पुलिस ने उन्हें रोका और 11 सदस्यों को प्रतिनिधि मण्डल के रूप में ज्ञापन के लिए जाने दिया। इस दौरान भी कुछ देर के लिए तनातनी की स्थिति बनी।
डीएसपी ने मेडिकल कराने को कहा तो उखड़ा समर्थककरीब 20-25 बंद समर्थकों की टोली दोपहर करीब 12 बजे बस स्टैण्ड पहुंची और रोडवेज बसों के संचालन को रोकने का प्रयास किया। इसकी सूचना मिलते ही डीएसपी डॉ. प्रियंका वहां पहुंची। उन्होंने लोगों को रोका तो पुलिस अधिकारी और बंद समर्थकों के बीच तनातनी हो गई। जब अधिकारी ने एक समर्थक पर शराब के नशे में होने का आरोप लगाते हुए मेडिकल कराने की बात कही तो वह समर्थक उखड़ गया और बोला कि आज का क्या आप मेरा कभी भी मेडिकल करा लो।