कई बांग्लादेशी कार्रवाई से बचे: कार्रवाई से बचते हुए कई बांग्लादेशी नागरिक ईंट भट्टा संचालकों की मदद से पास में सटे हरियाणा सीमा के भट्टों पर काम करने लग गए, जो आज भी बाजार में सामान खरीदने के लिए कस्बे के बाजार में घूमते दिखाई दे जाते हैं। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशी नागरिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर दलालों को पैसे देकर भारत मे प्रवेश करते है और वहां से उन्हें ईंट भट्टों मजदूरी के लिए भेज दिया जाता है।
क्षेत्र में 50 से ज्यादा ईंट भट्टे: पिछले करीब 10-15 साल में माजरीकलां कस्बे के पास के गांव विजयसिंहपुरा, भीमसिंहपुरा, मांढण, रोड़वाल, व खुंदरोठ सहित पड़ोस के हरियाणा के गांव कांटी, खेड़ी आदि गांवों में करीब 50 से ज्यादा ईंट भट्टे संचालित हैं। जिन पर स्थानीय श्रमिकों के साथ बांग्लादेशियों के काम करते हैं।
रखना होगा रिकॉर्ड चार माह बाद ईंट भट्टे शुरू होने पर फिर से बांग्लादेशियों की घुसपैठ नहीं हो जाए, इसके लिए पुलिस प्रशासन को सतर्क रहना होगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ईंट भट्टा संचालकों को उनके पास काम करने वाले सभी मजदूरों की पहचान के दस्तावेज फोटो सहित रिकॉर्ड के रूप में रखने के आदेश दिए हैं। उनकी पुलिस वैरिफिकेशन करवाने के लिए आवेदन पत्र भी भिजवा दिए गए हैं। साथ ही सभी ईंट भट्टों पर निगरानी रखी जा रही है। अगर कोई भी ईंट भट्टा संचालक किसी बांग्लादेशी मजदूर को रखेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।