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बारिश नहीं होने से हीट आइलैण्ड बन रहा अलवर, जानिए जिले को किस प्रकार हो रहा है नुकसान

locationअलवरPublished: Aug 21, 2018 10:45:26 am

Submitted by:

Prem Pathak

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Alwar Becoming Heat Island Without Rain

बारिश नहीं होने से हीट आइलैण्ड बन रहा अलवर, जानिए जिले को किस प्रकार हो रहा है नुकसान

केरल व कर्नाटक में बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त है। दिल्ली व जयपुर में बारिश होने के बावजूद अलवर सूखा है। इस समय पूरे अलवर जिले में यही चर्चा का विषय है कि आखिर बारिश हो क्यों नहीं रही? भूगोल विशेषज्ञ ने पड़ताल की तो चौकाने वाली बात सामने आई है कि अलवर में जहां-जहां उद्योग हैं वो क्षेत्र हीट आईलैण्ड बनते जा रहे हैं। मतलब वहां गर्मी अधिक है कार्बन डाई ऑक्साइड ज्यादा निकल रही है। लगातार पेड़-पौधों की कटाई व अवैध खनन से गर्मी अधिक बढ़ रही है जिसके कारण बादलों की नमी को यह गर्मी सोख लेती है। बादल हल्के होकर ऊपर की ओर चले जाते हैं। तभी तो अलवर जिले में अभी तक नाममात्र बारिश हुई है।
जहां उद्योग वहां कितनी बारिश

अलवर के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी व टपूकड़ा हैं। यहां 15 जुलाई से अभी तक जिले में सबसे कम केवल 192 मिमी बारिश हुई है। बहरोड़ में केवल 271 मिमी, नीमराणा में 115 मिमी ही बारिश हो सकी है। सबसे अधिक औद्योगिक इकाई नीमराणा, बहरोड़, भिवाड़ी व टपूकड़ा क्षेत्र में हैं। इन तीनों जगहों पर ही सबसे कम बारिश हुई है। अन्य जगह अलवर शहर में 449, किशनगढ़बास में 474, बहादरपुर में 458, सोडावास में 417 मिमी बारिश हो चुकी है जो कि औसत बारिश 555 मिमी के आसपास है। अभी 15 सितम्बर तक मानसून का सीजन माना जाता है। यहां और भी बारिश हो सकती है।
जिले में बेलगाम औद्योगिक इकाई लगी है। बड़ी जमीनों पर पेड़ कट गए। नए पेड़ लगाने में कंजूसी रही है। हरियाली की चादर को हटाकर बड़ी-बड़ी इमारते बन गई। ग्रीन बैल्ट तक बदल दी गई। पहाड़ों का आकार बदल गया। अवैध खनन हो रहा है। लगातार फैक्ट्रियों से धुआं निकलता है। इन सब कारणों से इतनी गर्मी हो रही है इन क्षेत्रों को हीट आईलैण्ड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह गर्मी बादलों को बरसने से रोक रही है।
स्नेह साईंवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल कला कॉलेज

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