जहां उद्योग वहां कितनी बारिश अलवर के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी व टपूकड़ा हैं। यहां 15 जुलाई से अभी तक जिले में सबसे कम केवल 192 मिमी बारिश हुई है। बहरोड़ में केवल 271 मिमी, नीमराणा में 115 मिमी ही बारिश हो सकी है। सबसे अधिक औद्योगिक इकाई नीमराणा, बहरोड़, भिवाड़ी व टपूकड़ा क्षेत्र में हैं। इन तीनों जगहों पर ही सबसे कम बारिश हुई है। अन्य जगह अलवर शहर में 449, किशनगढ़बास में 474, बहादरपुर में 458, सोडावास में 417 मिमी बारिश हो चुकी है जो कि औसत बारिश 555 मिमी के आसपास है। अभी 15 सितम्बर तक मानसून का सीजन माना जाता है। यहां और भी बारिश हो सकती है।
जिले में बेलगाम औद्योगिक इकाई लगी है। बड़ी जमीनों पर पेड़ कट गए। नए पेड़ लगाने में कंजूसी रही है। हरियाली की चादर को हटाकर बड़ी-बड़ी इमारते बन गई। ग्रीन बैल्ट तक बदल दी गई। पहाड़ों का आकार बदल गया। अवैध खनन हो रहा है। लगातार फैक्ट्रियों से धुआं निकलता है। इन सब कारणों से इतनी गर्मी हो रही है इन क्षेत्रों को हीट आईलैण्ड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह गर्मी बादलों को बरसने से रोक रही है।
स्नेह साईंवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल कला कॉलेज
स्नेह साईंवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल कला कॉलेज