कथनी – लाइट 48 घंटे में ठीक होगी नगर परिषद के अधिकारियों के अनुसार शहर में करीब 23 हजार एलईडी लाइट लग चुकी हैं। जब लाइट लगाई गई तो कम्पनी ने दावा किया कि एक भी लाइट खराब हुई तो कंट्रोल रूम में तुरंत सूचना मिलेगी।
हकीकत – हजारों रोडलाइट खराब पड़ी जबकि हकीकत यह है कि अभी तक कोई कंट्रोल रूम भी चालू नहीं हो सका है। 48 घण्टे में रोडलाइट दुरुस्त करना तो दूर महीनों से खराब पड़ी लाइटों की कोई सुध नहीं है। तभी तो शहर में करीब 8 से दस हजार लाइट खराब पड़ी हैं। जिला कलक्टर के आवास वाले रोड पर लाइट गुल रहती है।
कथनी – हर घर से कचरा उठाएंगे पिछले करीब दो साल से नगर परिषद के अधिकारी व जनप्रतिनिधि जनता में इस बात का खूब ढिंढोरा पीट रहे हैं कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू होते ही गंदगी की समस्या खत्म हो जाएगी। जब कचरा घर से ही संग्रहित होने लग जाएगा तो कहीं गंदगी नहीं दिखेगी।
हकीकत – पहले जैसा हाल जबकि हकीकत यह है कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू होने और तीन फर्मों को सफाई के ठेके देने के बावजूद भी शहर में कचरा ही कचरा है। नालों जब देखो कचरे से अटे मिलते हैं। तभी तो थोड़ी सी बारिश होते ही नालों का कचरा सड़कों पर आ जाता है। पूरे शहर से करीब 125 टन से अधिक कचरा निकलता है। जिसमें से 30 प्रतिशत कचरा तो उठता ही नहीं है। यह कचरा नालों में ही खप रहा है।
कथनी – अतिक्रमण कहीं नहीं रहेगा नगर परिषद का नया बोर्ड बनने के बाद यह दावा खूब किया गया है कि शहर में अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारी भी बार-बार यही बात दोहराते रहे हैं कि अतिक्रमण की कार्रवाई बराबर चलेगी।
हकीकत – पहले से ज्यादा अतिक्रमण शहर में अतिक्रमण की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। बाजारों में रास्ते इतने तंग हैं कि आए दिन जाम लगते हैं। दुकानों के आगे दुकाने लगती हैं। मनचाहे जहां वाहन खड़े होते हैं। जिसके कारण एक वाहन के निकलने की जगह भी नहीं मिलती है।
शहर में तूफान के बाद बड़ी संख्या में रोडलाइट खराब हुई हैं। जिनको सही कराया जा रहा है। डेार टू डोर का भी जल्द ठेका होने के बाद सफाई और बेहतर हो सकेगी। अतिक्रमण भी समय-समय पर हटा रहे हैं।
अशोक खन्ना, सभापति, नगर परिषद अलवर