जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि होम क्वारंटीन वाले व्यक्ति घर पर ही एक रूम में अकेले ही रहेंगे। जहां तक संभव हो अटेच लेट-बाथ वाला कमरा काम में लिया जाए। यदि परिवार के अन्य सदस्यों का भी इस रूम में रहना अनिवार्य हो तो दोनों के बीच एक मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है।
होम क्वारेंटाइन के दौरान बुजुर्ग (60 साल से अधिक), गर्भवती महिलाएं, बच्चें और गम्भीर रोग (डायबिटिज, हृदय, लीवर, किडनी, कैंसर, बीपी एवं लम्बे समय तक दवाई चलने वाली बीमारी) से ग्रसित परिवार के सदस्यों से दूर रहें। हाथों को साबुन व पानी या एलकोहल बेस्ड हैंड सेनेटाइजर से बार-बार साफ करें।
घर के बरतन गिलास, कप, खाने के बर्तन, तोलिया, बेडिंग व अन्य सामान को घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें। हर छह से आठ घण्टे में मास्क बदलें। मास्क को पुन: काम नहीं लें। मरीज/सेवादार के काम में लिए मास्क व अन्य सामान को 5 प्रतिशत ब्लीच सोलूशन या एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड सोलूशन से डिसइन्फेक्ट करने के बाद जला दें। होम क्वारेंटाइन के दौरान बीमारी के लक्षण खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ हो तो नजदीकी राजकीय चिकित्सालय या
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के कन्ट्रोल रूम नम्बर 0144-2340145 पर सम्पर्क करें।
होम क्वारेंटाइन में रखें व्यक्ति के परिवार में एक ही व्यक्ति मरीज के सम्पर्क में रहे। मरीज के कपड़े व अन्य सामान से डायरेक्ट सम्पर्क में नहीं आएं। डिस्पोजेबल ग्लवज का उपयोग करें। ग्लवज को हटाने के बाद साबुन पानी या हैंड सेनेटाइजर से हाथ साफ करें। कमरे एवं बैड, फ्रेम, टेबल, चेयर इत्यादि को एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड सोलूशन से साफ करें। टॉयलेट व आसपास की दीवार को ब्लीच या सोलूशन से साफ करें। ऐसे व्यक्ति जो चैक पोस्ट से जिले में आ रहे हैं उनको चैक पोस्ट पर ही होम क्वारेंटाइन रहने के लिए नोटिस देकर पाबंद किया जाए। होम क्वारेंटाइन के लिए अमिट स्याही से व्यक्ति के बाये हाथ पर होम क्वारेंटाइन की मोहर लगाई जाए।