कलक्ट्रेट में पूरे जिले से प्रतिदिन 150 से 200 फरियादी पहुंचते हैं, इनमें औसतन 50 फरियादी जिला कलक्टर से मिलते हैं, वहीं तीनों एडीएम के पास भी 30 से 40 फरियादी पहुंचते हैं। ज्यादातर गांवों में रास्ते के विवाद, अतिक्रमण, नामांतरकरण नहीं होने, जमीन की पैमाइश, मकान व खेत पर जबरन कब्जा, बलात्कार, हत्या व अन्य संगीन अपराधों में पुलिस कार्रवाई नहीं होने तथा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा, खाद्य सुरक्षा, अंत्योदय सहित अन्य सरकारी योजनाओं में नाम नहीं जुडऩे जैसी समस्याएं लेकर आते हैं। जबकि ये समस्याएं उपखंड, तहसील व ब्लॉक स्तर पर निपटाई जा सकती हैं,
गोशाला कमेटी की समस्या को लेकर मिले
राजगढ़ तहसील क्षेत्र के गांव सिटावट में गोशाला कल्याण गो सेवा समिति आश्रम सिटावट की कमेटी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर गांव के लोगों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिला कलक्टर से मिला। राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर को बताया कि पूर्व में गठित कमेटी गोसेवा में अनियमितता बरत रही है। इससे गोवंश पर संकट मंडराने लगा है। सिटावट व कोटडी-रामपुरा के ग्रामीणों ने इस समस्या से कमेटी को अवगत भी कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने गोशाला कमेटी के पुनर्गठन की मांग की।
रात्रि चौपाल पर सवालिया निशान? समस्या सुनने के लिए जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारियों को रात्रि चौपाल आयोजन के निर्देश हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का समस्या लेकर जिला कलक्ट्रेट पहुंचना रात्रि चौपाल पर सवालिया निशान लगाता है। जिला कलक्ट्रेट में प्रतिदिन समस्या लेकर पहुंच रहे फरियादियों के अलावा जिला स्तरीय जनसुनवाई में भी जिले भर से बड़ी संख्या में लोग समस्या लेकर पहुंचते हैं।
स्थानीय प्रशासन की ढिलाई उजागर ब्लॉक, तहसील व उपखंड स्तर पर साप्ताहिक जनसुनवाई का प्रावधान है। अधिकारी प्रतिदिन भी फरियाद सुनने के लिए पाबंद हैं। इसके बावजूद जिला स्तर पर प्रतिदिन 150 से 200 लोगों का पहुंचना स्थानीय प्रशासन की ढिलाई को उजागर करता है।