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पलायन पर भारी सियासत: अलवर से गई कांग्रेस की बसों को यूपी सरकार ने बॉर्डर पर रोका

locationअलवरPublished: May 19, 2020 11:02:36 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर. पिछले तीन दिन से पलायन का दर्द सियासत में बंटा नजर आ रहा है। यही कारण है कि तीन दिन बाद भी उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अलवर से कांग्रेस की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए भेजी निजी बसों को लेने से इंकार कर दिया।

पलायन पर भारी सियासत: अलवर से गई कांग्रेस की बसों को यूपी सरकार ने बॉर्डर पर रोका

पलायन पर भारी सियासत: अलवर से गई कांग्रेस की बसों को यूपी सरकार ने बॉर्डर पर रोका

अलवर. पिछले तीन दिन से पलायन का दर्द सियासत में बंटा नजर आ रहा है। यही कारण है कि तीन दिन बाद भी उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अलवर से कांग्रेस की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए भेजी निजी बसों को लेने से इंकार कर दिया। इसको लेकर करीब 12 घंटे तक विवाद की स्थिति बनी रही। कभी बसों को लखनऊ भेजने तो कभी कागजी दस्तावेज पूरे होने पर प्रवेश देने की बात कही। हालांकि मंगलवार देर शाम तक विवाद सुलझ नहीं सका।
प्रियंका गांधी की मांग मानने के बाद यूपी सरकार ने कांग्रेस से बसों की सूची भेजने को कहा था। सोमवार को प्रियंका गांधी की मांग पर यूपी सरकार की ओर से बसों और ड्राइवरों की लिस्ट मांगी गई थी। वह सूची भी भेज दी गई। अब मंगलवार दोपहर यूपी सरकार ने आरोप लगाया कि बसों के नंबर की जो सूची भेजी गई थी, उनमें बाइक व ऑटो के नंबर है। सुबह अलवर के कांग्रेस नेता जुबेर खान व अन्य कांग्रेस नेता निजी बसों को लेकर ऊंचानगला स्थित बॉर्डर पहुंचे। जहां मथुरा व आगरा के जिला कलक्टर से बात की तो उन्होंने सरकार से ऐसी कोई स्वीकृति मिलने से इंकार कर दिया। करीब आठ घंटे तक कांग्रेस नेताओं की यूपी प्रशासन से बात होती रही। लेकिन बसों को प्रवेश नहीं दिया गया। शाम करीब छह बजे विरोध बढऩे लगा तो यूपी व राजस्थान के कांग्रेस नेता एकत्रित हो गए। कांग्रेसियों ने यूपी बॉर्डर पर ही भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना शुरू कर दिया। इससे पहले ऊंचानगला स्थित एक स्कूल में अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई। विरोध के बाद यूपी प्रशासन ने बॉर्डर को भी सील कर दिया। स्वीकृति से जा रहे वाहनों को भी रोक दिया गया।
पहले बहज और फिर ऊंचानगला बॉर्डर पर खड़ी की बसें

17 मई को डीग के पास बहज में निजी बसों को यूपी में प्रवेश कराने के लिए खड़ा किया गया था। इसके बाद 17 मई की रात बसों को वापस कर दिया गया था। अब 18 मई को स्वीकृति मिलने के बाद 19 मई को फिर निजी बसों को यूपी में भेजने के लिए ऊंचानगला बॉर्डर पर खड़ा कर दिया गया। हालांकि यहां भी आगरा प्रशासन ने स्वीकृति देने से इंकार कर दिया।
भाजपा प्रवासी श्रमिकों पर कर रही राजनीति

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार प्रवासी श्रमिकों को लेकर राजनीति कर रही है। अलवर से प्रवासी श्रमिकों को लेकर गई बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। इस कारण बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं। बसों को प्रवेश दिया जाए तो यूपी से अलवर के श्रमिकों को लाया जाए।
योगेश मिश्रा
जिलाध्यक्ष, कांग्रेस अलवर

कभी आंदोलन नहीं किया, वे अब धरने पर बैठने का ढोंग कर रहे

प्रवासी श्रमिकों को भेजने के नाम पर कांग्रेस झूंठ बोल रही है। कांग्रेस ने पहले एक हजार बसों को भेजने की बात कही और अब खुद ही 500 बसों को भेजने की बात कर रहे हैं। जबकि यूपी बॉर्डर पर टूटी फूटी केवल 223 बसें हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खां ने कभी अपने विधानसभा क्षेत्र, जिला व प्रदेश में कोई आंदोलन नहीं किया, वे प्रियंका गांधी के कहने पर यूपी बॉर्डर पर धरना देने का ढोंगे कर रहे हैं। कांग्रेस ने बसों के बजाय ऑटोरिक्शा, स्कूटर के नम्बर दिए हैं।
ज्ञानदेव आहूजा

प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा राजस्थान

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