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अलवर

बाजार का मोह नहीं छोड़ा तो दिन भर घर में रहने का नहीं मिल सकेगा लाभ

अलवर. पहले राज्य के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री की ओर से लॉक डाउन (कफ्र्यू जैसा ही) की घोषणा के बाद भी जिले में कई लोग अभी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के दुष्परिणाम को गंभीरता से नहीं ले रहे।

अलवरMar 24, 2020 / 11:09 pm

Prem Pathak

बाजार का मोह नहीं छोड़ा तो दिन भर घर में रहने का नहीं मिल सकेगा लाभ

बाजार का मोह नहीं छोड़ा तो दिन भर घर में रहने का नहीं मिल सकेगा लाभ

अलवर. पहले राज्य के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री की ओर से लॉक डाउन (कफ्र्यू जैसा ही) की घोषणा के बाद भी जिले में कई लोग अभी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के दुष्परिणाम को गंभीरता से नहीं ले रहे। यही कारण है कि दिन भर के लॉक डाउन के बाद शाम को सब्जी मंडी व पंसारी बाजार व अन्य बाजारों में जुटी लोगों की भीड़ दिन भर घर में रहकर सरकार के लॉक डाउन के प्रयास को सफल करने के बजाय उस पर पानी फेरती दिखी।
लॉक डाउन में जिले में लोगों को आवश्यक वस्तुओं की परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रशासन की कुछ समय की छूट प्रदान करने का निर्णय किया है, लेकिन लोगों की तकलीफ कम करने के प्रशासन के प्रयास का यह भीड़ गलत तरीके से उपयोग करती दिखी। इसका नुकसान यह हुआ कि लॉक डाउन कर कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे पर काबू पाने के प्रयास आशंका से घिरते दिखाई दिए।
हम कहीं भीड़ से संक्रमण बम तो साथ नहीं ला रहे

कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर अलवर जिले के लोग ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व चिंताओं के घेरे में हैं। ऐसे में लॉक डाउन में घर पर रहकर इस महामारी के संक्रमण से बचाव की जगह अनावश्यक तरीके से बाजारों व सब्जी मंडी आदि में भीड़ बढ़ाकर, वहां से खान पान की आवश्यक वस्तुओं की जगह हम कोरोना वायरस संक्रमण बम तो साथ नहीं ला रहे। वरिष्ठ चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण भीड़ में आसानी से एक से व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है। तभी तो कुछ चिकित्सक अब इस महामारी को छूत की बीमारी तक कहने लगे हैं। यही कारण है कि सरकार के प्रमुख पदों पर आसीन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ ही, प्रशासन के अधिकारी, चिकित्सक भी इस वैश्विक महामारी के बचाव का सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंस) ही अंतिम उपाय बता रहे हैं। इसी कारण लॉक डाउन जैसे कठोर निर्णय भी सरकार को लेने पड़े हैं।
लॉक डाउन विफल किया तो बढ़ सकती हैं जीवन की परेशानी

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लागू किए गए लॉक डाउन के पूर्ण सफल होने में यदि कुछ लोगों की नासमझी से कमी रही तो यह जिले में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन को परेशानी में भी डाल सकता है। यही कारण चहुंओर इन दिनों एक ही मांग है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हर व्यक्ति अपने घर में रहे और आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मियों के अलावा कोई भी घर से बाहर नहीं निकलें। यदि लोग चिकित्सकों व अधिकारियों की बात पर पूर्ण अमल करें तो न केवल लॉक डाउन का प्रयोग ही सफल होगा, बल्कि मानव जाति पर आया कोरोना वायरस संक्रमण का खतरे को भी काफी हद तक रोक पाना संभव होगा।
कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने में जन सहयोग जरूरी

जनता कफ्र्यू व लॉक डाउन की सफलता में सहयोग दे रहे अलवर जिलावासियों का प्रशासन की ओर से आभार। सरकार का लॉक डाउन का निर्णय किसी की परेशानी बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव कर उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए है। मेरा आग्रह है कि लॉक डाउन में सभी लोग अपने घरों पर रहकर न केवल प्रशासन का सहयोग करेंगे, बल्कि लोगों के जीवन को भी सुरक्षित कर सकेंगे।
इंद्रजीत सिंह

जिला कलक्टर अलवर

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