scriptलोग संभल जाएं तो लॉक डाउन बढ़ाने की नहीं पड़ेगी जरूरत- जूली | alwar corona interview | Patrika News

लोग संभल जाएं तो लॉक डाउन बढ़ाने की नहीं पड़ेगी जरूरत- जूली

locationअलवरPublished: Mar 29, 2020 11:16:50 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर. राज्य के श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि यदि लोग संभल जाएं और बिना कार्य के अपने घरों से बाहर नहीं निकले तो संभवत: आगामी समय में सरकार को लॉक डाउन बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लोग संभल जाएं तो लॉक डाउन बढ़ाने की नहीं पड़ेगी जरूरत- जूली

लोग संभल जाएं तो लॉक डाउन बढ़ाने की नहीं पड़ेगी जरूरत- जूली

अलवर. राज्य के श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि यदि लोग संभल जाएं और बिना कार्य के अपने घरों से बाहर नहीं निकले तो संभवत: आगामी समय में सरकार को लॉक डाउन बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान परिस्थितियों में लॉक डाउन बढऩे की संभावना कम है, लेकिन आगामी 14-15 दिनों में पता चल पाएगा कि यह महामारी राजस्थान व अलवर जिले में किस स्टेज पर है। श्रम राज्य मंत्री जूली ने यह बात रविवार को पत्रिका से साक्षात्कार में कही। प्रस्तुत हैं साक्षात्कार के प्रमुख अंश।
सवाल- कोरोना वायरस संकट को सरकार किस रूप में ले रही है?

जवाब- राज्य सरकार कोरोना वायरस संकट को गंभीरता से ले रही है, तभी तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महामारी की गंभीरता को देखते हुए सभी लोगों से बात कर देश में सबसे पहले लॉक डाउन का ऐलान किया। इतना ही नहीं कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत 12 मार्च को ही केन्द्र सरकार को चेता इस महामारी से उबरने के लिए आवश्यक उपाय करने की बात कही थी।
सवाल- राज्य सरकार को पता चला तो इस आपदा से निपटने के लिए सरकार व आपने क्या योजना बनाई?

जवाब- कोरोना वायरस आपदा के बारे में पता चलने पर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों, वर्गों व धर्मगुरुओं को विश्वास में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन में सभी से घरों पर ही रहने की अपील की। राज्य में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने, आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी रोकने, मास्क व सेनेटाइजर की कमी नहीं आने देने के निर्देश दिए। खुद मैंने भी मजदूरों के सवैतनिक अवकाश की घोषणा की। मजदूरों के लिए जो जहां है, वहीं रहने की अपील की।
सवाल- प्रदेश में इस समय दो बड़े संकट हैं, एक कोरोना वायरस महामारी से निपटने, दूसरा श्रमिकों का पलायन का। इससे सरकार की निपटने की क्या व्यवस्था की है?

जवाब- राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं। अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने, चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ की तैनाती, दवाइयों की उपलब्धता सहित आइसोलेशन व अन्य सभी जरूरत व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। श्रमिकों की परेशानी को दूर करने के लिए मुख्य मार्गों पर बसें लगाई गई हैं। राजस्थान के किसी मजदूर को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
सवाल- आप क्या मजदूरों के लिए की गई वर्तमान व्यवस्था से संतुष्ट हैं?

जवाब- श्रमिकों के पलायन पर राज्य सरकार ने त्वरित निर्णय किया है। शुक्रवार को मजदूरों के पलायन की बात सामने आई और मुख्यमंत्री ने शनिवार को ही पलायन करने वाले मजदूरों के लिए बस सुविधा मुहैया कराने के निर्देश जारी कर दिए।
सवाल- पलायन करने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग की क्या व्यवस्था है?

जवाब- पलायन करने वाले मजदूरों के स्क्रीनिंग की अभी ज्यादा आवश्यकता डूंगरपुर, बांसवाड़ा आदि जिलों में हैं। वहां श्रमिकों की स्क्रीनिंग हो रही है। अभी अलवर जिले में स्थिति कंट्रोल में हैं, जरूरत होने पर यहां भी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
सवाल- कोरोना वायरस आपदा में आपने स्वयं के स्तर पर क्या मदद की?

जवाब- इस आपदा का पता चलते ही मुख्यमंत्री ने सभी से सहायता की अपील की। संभवत: अलवर ही नहीं, पूरे प्रदेश में मैंने सबसे पहले अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की घोषणा की। सेनेटाइजर व मास्क के लिए विधायक कोटे से एक लाख रुपए दिए। हॉस्पिटल में संसाधनों की कमी को देखते हुए 10 लाख रुपए सामान्य अस्पताल में आइसीयू तैयार करने के लिए दिए। शहर विधायक संजय शर्मा ने भी अपने कोटे से राशि व वेतन देने का प्रशंसनीय कार्य किया। अन्य विधायकों व सांसद महंत बालकनाथ ने इस आपदा में सहायता देने की घोषणा की। वैसे भी यह समय राजनीति का नहीं, लोगों की मदद करने का है।
सवाल- क्या आपने अपने विभाग कारखाना, फैक्ट्री बायलर से जुड़े लोगों से भी सहायता की अपील की?

जवाब- मैंने इस आपदा में सहायता के लिए उद्यमियों व अन्य लोगों से मदद की अपील। इस अपील पर कई उद्योगपति मदद को आगे आए। मैं फिर अपील करता हूं कि इस विपदा में लोग ज्यादा से ज्यादा सरकार व लोगों का सहयोग करें।
सवाल- अलवर जिले में इस महामारी से कितना खतरा है?

जवाब- अभी तक अलवर जिले में कोई कोरोना पॉजीटिव नहीं मिला है। यह सुकून देने वाला है। इस महामारी को लेकर जनता अब खुद जागरुक हो रही है। बाहरी राज्यों व जिलों से आने वाले सदस्यों की अब लोग खुद प्रशासन को सूचना दे रहे हैं। महामारी के लक्षण दिखने पर लोग छुपाए नहीं और चिकित्सक से जांच कराएं। जिले में प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग एवं अन्य सभी विभाग मिलकर अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस बीमारी से बचाव केवल लोगों का अपने घरों में रहना ही है। इस बीमारी से लडऩा एक व्यक्ति के हाथ में नहीं, बल्कि सभी की जागरुकता जरूरी है।
सवाल- कोरोना वायरस के कारण प्रदेश में क्या लॉक डाउन बढ़ सकता है?

जवाब- लोग नहीं समझे तो लॉक डाउन को बढ़ाने की जरूरत पड़ भी सकती है। हालांकि वर्तमान में लॉक डाउन बढऩे की संभावना कम है। लेकिन हालत बिगड़े तो कुछ भी कहना संभव नहीं है। इसलिए हम सभी को अपने घरों में रह संक्रमण से बचाव करना चाहिए। इस आपदा में जरूरतमंदों की मदद करने वाले सभी लोगों का आभार।
—————————–

देश में अफरा-तफरी के लिए केन्द्र का बिन तैयारी निर्णय जिम्मेदार

अलवर. श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि वर्तमान में मजदूरों के पलायन से अफरा-तफरी के माहौल के लिए केन्द्र सरकार की ओर से बिना तैयारी के लॉक डाउन का किया गया निर्णय जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश में बिना तैयारी के ही 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा कर दी। जबकि यह लॉक डाउन की घोषणा उन्हें अब से एक महीने पहले करनी चाहिए थी। केन्द्र सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा से पहले कोई तैयारी नहीं की, जिसका परिणाम अब मजदूरों के पलायन से उत्पन्न अफरा-तफरी के रूप में सामने आया है। जबकि राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी से बात कर एवं तैयारी कर लॉक डाउन की घोषणा की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो