मां नर्सिंगकर्मी होने के बावजूद विदेश से आए बेटे को होम आइसोलेशन में नहीं रखा। जिसका खमियाजा पता नहीं कितने जनों को भुगतना पड़ सकता है। अब यह खतरा आसपास के कई गांवों के सैकड़ों लोगों पर मंडराने लगा है। असल में संक्रमित युवक परिवार में सामान्य दिनों की तरह रह रहा था। परिवार के अन्य सदस्य पहले की तरह दूसरे कार्यों में लगे रहे।
12 दिन बाद संक्रमण की रिपोर्ट संक्रमित युवक 18 मार्च को ही गांव आ गया था। उसके बाद उसके शरीर में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आए। सिर्फ इस आधार पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया कि वह फिलिपिंस से झुंझुनूं के विद्यार्थी के साथा आया था और उसे कोरोना संक्रमण मिला है। झुंझुनूं के विद्यार्थी की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर मिलकपुर गांव के निवासी विद्यार्थी को अलर्ट किया गया। उसे 29 मार्च को ही सामान्य अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि युवक भी अधिक बीमार नहीं था। अगले दिन 30 मार्च को उसके पिता व भाई केा अस्पताल में भर्ती किया गया। परिवार के इन सदस्यों में अभी भी किसी तरह के लक्षण नहीं हैं।
बैंक व इन गांवों में भी संक्रमण का डर कोरोना संक्रमित मिले छत्र की मां एएनएम को मिलकपुर, भीटेडा व खातनपुर गांव में सर्वे की जिम्मेदारी थी। जो 18 मार्च के बाद भी सर्वे करती रही है। इसी तरह उसका भाई एयू बैंक में कार्य करता रहा है। इसके अलावा खुद छात्र भी गांव में घूमता रहा है। जिसके कारण आसपास के कई गांवों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।