अलवर जिले में अभी कोरोना के पांच नमूने पॉजिटिव मिले हैं। इनमें तीन कठूमर व खेरली क्षेत्र के हैं। करीब 10 किलोमीटर के दायरे में लोगों का एक कस्बे से दूसरे कस्बे में आना जाना सामान्य बात है। यही कारण है कि कठूमर उपखंड इन दिनों जिले में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सबसे हाइ रिस्क जोन बन गया है। यही कारण है कि जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने रविवार को खेरली पहुंचकर हालात की जानकारी ली। कोरोना पॉजिटिव मिलने से फिलहाल खेरली में कफ्र्यू तथा खेरली से दो-तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित नंगला माधोपुर में कफ्र्यू लगा है। वहीं आसपास के कई गांवों की सीमाएं सील है।
रिपोर्ट तय करेगी क्षेत्र में कम्युनिटी संक्रमण तो नहीं खेरली, नंगला माधोपुर व आसपास के कई लोगों व चिकित्साकर्मियों के नमूने अभी जांच को भेजे हुए हैं। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट तय करेगी कठूमर उपखंड में कोरोना वायरस का कम्युनिटी संक्रमण तो नहीं फैला। नमूनों की जांच रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ी तो यहां कम्युनिटि संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे उपखंड क्षेत्र में कफ्र्यू जैसे सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।
खतरा कोरोना वायरस चेन का क्षेत्र में कोरोना की दस्तक नंगला माधोपुर गांव के बीमारी बुजुर्ग के पॉजिटिव मिलने से हुई। बुजुर्ग पिछले कुछ दिन से बीमार था और इलाज के लिए खेरली व जयपुर आदि अस्पतालों में गया। इस दौरान बुजुर्ग के सम्पर्क के आए उसके पौत्र और जांच व उपचार करने वाली महिला स्वास्थ्यकर्मी भी बाद में कोरोना पॉजिटिव पाई गई। इलाज के दौरान बुजुर्ग का अन्य लोगों से भी सम्पर्क संभव है। वहीं महिला स्वास्थ्य कर्मी का अपनी डयूटी के दौरान अनेक लोगों व परिवार और आसपास के लोगों से सम्पर्क संभव है। साथ ही बुजुर्ग के पौत्र का परिवार व आसपास के अन्य लोगों से सम्पर्क क्षेत्र में कोरोना चेन की आशंका का बड़ा कारण है।
बुजुर्ग में कोराना संक्रमण कहां से आया खास बात यह कि कठूमर के नंगला माधोपुर में बुजुर्ग में कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से आया, इसका अब तक खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि चिकित्सा अधिकारी बुजुर्ग में कोरोना का संक्रमण इलाज के दौरान जयपुर या अन्य स्थान से लगने की आशंका जता रहे हैं, लेकिन यही बुजुर्ग इलाज के लिए खेरली अस्पताल में भी आया। साथ ही बुजुर्ग में कोरोना का संक्रमण कब से रहा, इसका भी पता नहीं चल पाया है।