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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ऑक्सीजन प्लांट राशि के फेर में अटके

locationअलवरPublished: Dec 09, 2021 12:40:34 am

Submitted by:

Prem Pathak

भारत सहित दुनिया के करीब 19 देशों तक पहुंच चुके कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का अलवर जिले में भी खतरा मंडराने लगा है, लेकिन यहां ऑक्सीजन प्लांट अभी राशि के फेर में अटके हैं। जिले में 14 ऑक्सीजन प्लांट तो शुरू हो गए, लेकिन सीएसआर फंड से स्वीकृत 6 ऑक्सीजन प्लांट का काम अधर में ही अटक गया है।

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ऑक्सीजन प्लांट राशि के फेर में अटके

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ऑक्सीजन प्लांट राशि के फेर में अटके

अलवर. भारत सहित दुनिया के करीब 19 देशों तक पहुंच चुके कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का अलवर जिले में भी खतरा मंडराने लगा है, लेकिन यहां ऑक्सीजन प्लांट अभी राशि के फेर में अटके हैं। जिले में 14 ऑक्सीजन प्लांट तो शुरू हो गए, लेकिन सीएसआर फंड से स्वीकृत 6 ऑक्सीजन प्लांट का काम अधर में ही अटक गया है। अब राज्य सरकार की ओर से शेष राशि मिलने पर ही ये ऑक्सीजन प्लांट चल पाएंगे।
कोरोना की तीसरी लहर और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने बचाव की तैयारियां शुरू की है। चिकित्सा विभाग का इन दिनों ज्यादा जोर कोरोना की दूसरी लहर में भारी तबाही का कारण बनी ऑक्सीजन की इस बार पूरी उपलब्धता पर है। इसी के चलते जिले में ऑक्सीजन प्लांट जल्द शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिले में 27 ऑक्सीजन प्लांट में से 14 ही शुरू
जिले में राज्य सरकार, सीएसआर एवं सांसद, विधायक निधि से 27 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से वर्तमान में 14 चालू हो चुके हैं और 6 जल्द शुरू होने की स्थिति में है। इनमें लाइट कनेक्शन होना शेष है तथा एक्सटेंशन बोर्ड लगाना बचा है। यानि जल्द ही जिले में 20 ऑक्सीजन प्लांट कार्य रूप में आने की उम्मीद है। लेकिन 6 ऑक्सीजन प्लांट सीआरएस फंड से स्वीकृत किए गए हैं, जिनका कार्य अभी अधूरा है।
इसलिए अटके 6 ऑक्सीजन प्लांट

जिले में छह ऑक्सीजन प्लांट अभी अधूरे हैं। इसका कारण है कि प्लांट स्थापित कर चालू हालत में लाने के लिए पूरी राशि का नहीं होना। सीएसआर फंड से स्वीकृत इन छह ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले दानदाताओं की ओर से प्लांट लगाने के लिए करीब 40 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से हवा से ऑक्सीजन ग्रहण करने का प्लांट तो लग गए, लेकिन इन्हें शुरू करने के लिए हाइटेंशन लाइन, मेनीफोर्ड, कक्ष आदि का निर्माण कराया जाना है। एक ऑक्सीजन प्लांट के लिए यह कार्य कराने पर 80 लाख रुपए से ज्यादा राशि की जरूरत है, जबकि दानदाताओं की ओर से इन प्लांट के लिए केवल 40 लाख रुपए मुहैया कराए हैं। अब प्रति ऑक्सीजन प्लांट के लिए चिकित्सा विभाग को 80 लाख रुपए से ज्यादा राशि जुटानी होगी। इसके लिए विभाग की नजर अब राज्य सरकार पर टिकी है।
यहां अटके ऑक्सीजन प्लांट
जिले में सीएसआर से रैणी, रामगढ़ नौगांवा, मांढण, नीमराणा और अलवर स्थित कालाकुआ सेटेलाइट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं। लेकिन यहां राशि के अभाव में ऑक्सीजन प्लांट अभी शुरू नहीं हो पाए हैं।
राज्य सरकार को पत्र लिखा

सीएसआर मद से स्वीकृत 6 ऑक्सीजन प्लांट शुरू कराने के लिए राशि की जरूरत है। इसके लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। जिले में 27 में से 14 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं, वहीं 6 को आगामी 24 घंटे में शुरू किया जा सकता है। सीएसआर मद के छह ऑक्सीजन प्लांट अभी लगने हैं, इनके लिए राशि की जरूरत है।
डॉ. ओपी मीणा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर

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