कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण का मरीज के फेफड़ों पर असर ज्यादा रहा, इस कारण कोरोना की पहली लहर में 76 तथा दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा 305 तक पहुंच गया, जबकि इन दिनों चल रही तीसरी लहर में यह आंकड़ा तीन पर पहुंचा है। इसका सीधा कारण कोरोना वैरिएंट का मानव स्वास्थ्य पर अलग- अलग असर होना रहा। दूसरी लहर में कोरोना का संक्रमण सीधे फेफड़ों पर प्रभाव डाल रहा था। इस कारण मौत का आंकड़ा का भी तेजी से बढ़ा। फेफड़ों के संक्रमण के कारण ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी ज्यादा रही और ऑक्सीजन की मारामारी भी अधिक रही। कोरोना की दूसरी लहर में जिले में 5 हजार एक्टिव मामले होने तक अलवर जिले के अस्पतालों में 500 संक्रमित भर्ती हो चुके थे तथा ऑक्सीजन की मारामारी शुरू हो चुकी थी, लेकिन इस बार तीसरी लहर में जिले में एक्टिव केस की संख्या 6 हजार को पार कर चुकी है, लेकिन सुकून की बात यह कि अस्पतालों में मात्र 16 ही संक्रमित भर्ती हैं। इनमें भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर छह व वेंटीलेटर पर एक मरीज है। शेष आइसोलेशन बेड पर हैं।
जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के बावजूद लोगों के स्वास्थ्य पर फिलहाल नुकसान कम है। मौत का आंकड़ा भी कम है। इसका बड़ा कारण संक्रमण का फेफड़ों तक नहीं पहुंचना है। वैसे संक्रमितों के इलाज के इंतजाम पूरे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर