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अलवर के चूड़ी मार्केट में लगी भीषण आग के बाद भी नहीं ले रहे सबक, संकरी गलियों में अतिक्रमण, आग बुझाने में करनी पड़ सकती है भारी मशक्कत

locationअलवरPublished: Nov 20, 2020 10:30:00 pm

अलवर के पुराने परकोटे में बसा शहर और बाजार काफी तंग गलियों में हैं। कई मोहल्लों की गलियां और बाजार इतने संकरे हैं कि वहां दुपहिया और तिपहिया वाहन भी नहीं घुस सकते हैं

Alwar Danger Of Fire In Narrow Streets Of Market

अलवर में चूड़ी मार्केट में लगी भीषण आग के बाद भी नहीं ले रहे सबक, संकरी गलियों में अतिक्रमण, आग बुझाने में करनी पड़ सकती है भारी मशक्कत

अलवर. दिवाली की रात चूड़ी मार्केट में लगी भीषण आग को बुझाने में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट गए। करीब 48 घंटे की भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन अलवर शहर में दर्जनों ऐसी संकरी गलियां और बाजार हैं। जहां यदि आग लग जाए तो बुझाना भी मुश्किल हो सकता है।
अलवर के पुराने परकोटे में बसा शहर और बाजार काफी तंग गलियों में हैं। कई मोहल्लों की गलियां और बाजार इतने संकरे हैं कि वहां दुपहिया और तिपहिया वाहन भी नहीं घुस सकते हैं तथा इन मोहल्लों और बाजारों की गलियों 500 से 2 हजार मीटर तक गहरी हैं। यदि यहां आग लग जाए तो दमकल तो दूर की बात आग बुझाने के लिए दमकल का पाइप भी नहीं पहुंच सकता।
ये हैं शहर की संकरी गलियां और बाजार

अलवर शहर में आटेवाली गली, पतासे वाली गली, बांसवाली गली, सीढ़ी वाली गली, मीना की गली, मालन की गली, हिंदू पाड़ा, रंगभरियों की गली, बिच्छू वाली गली, मूतवाली गली, चकला गूंदी मोहल्ला, खपटा पाड़ी, भीकम सैयद, सेढ़ का टीला, कुम्हार पाड़ी तथा केडलगंज आदि में दर्जनों ऐसी गली और बाजार हैं जो कि काफी संकरे हैं।
आग का पूरा खतरा

शहर की इन तंग गलियों में काफी दुकानें और गोदाम बने हुए हैं। यहां लोगों की आवाजाही भी काफी रहती है। साथ ही इन छोटी-छोटी सी गलियों में अतिक्रमण भी खूब हो रखा है। जिससे यहां भीषण आग लगने का पूरा खतरा बना हुआ है। चूड़ी मार्केट में भीषण अग्निकांड से हुए करोड़ों के नुकसान के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं।
बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के नहीं इंतजाम

अलवर में बहुमंजिला इमारतों आग बुझाने के लिए अलवर नगर परिषद, सिविल डिफेंस और रीको पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। तीनों में से किसी के पास भी हाइड्रोलिक लिफ्ट नहीं है। ऐसे में अलवर में किसी बहुमंजिला इमारत में यदि आग लग जाए तो उसे बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
ये हैं संसाधन

अलवर शहर में कुल चार फायर स्टेशन हैं, जिनमें नगर परिषद के भवानीतोप चौराहा और बुधविहार, सिविल डिफेंस का अम्बेडकर नगर और रीको का एमआईए एरिया में हैं। नगर परिषद के पास आठ दमकलें हैं। इनमें दो बड़ी गाड़ी 12-12 हजार लीटर पानी क्षमता वाली हैं तथा चार दमकल 4500-4500 लीटर क्षमता और दो दमकल 2-2 हजार लीटर क्षमता की हैं। सिविल डिफेंस के पास दो दमकल 4500-4500 लीटर क्षमता तथा रीको के पास एक दमकल 4500 लीटर पानी क्षमता वाली हैं। बड़ी दमकलों में 50-50 मीटर के 5-5 तथा छोटी दमकलों में 3-3 पाइप हैं। सभी गाडिय़ों में फोम उपलब्ध हैं। इसके अलावा नगर परिषद के स्टोर में 40 से 50 पाइप अतिरिक्त रखे हुए हैं।
पर्याप्त संसाधन

अलवर शहर में नगर परिषद, सिविल डिफेंस और रीको की कुल 11 दमकलें हैं। सभी गाडिय़ों में बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी सभी को अपनी बहुमंजिला इमारतों, कॉम्पलेक्स और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन आवश्यक रूप से रखने चाहिए।
– अमित कुमार मीना, सहायक अग्निशमन अधिकारी, नगर परिषद अलवर।

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