जयपुर, अजमेर यात्रीभार के मामले में अलवर से काफी पीछे रहे हैं। मुख्य प्रबंधक के अनुसार जनवरी माह में जयपुर डिपो की बसों का लोड फैक्टर 73 व अजमेर डिपो का 65 रहा है। वहीं, प्रतापगढ़ डिपो की बसें 59 प्रतिशत लोड फैक्टर के साथ सबसे फिसड्डी रही हैं।
सुविधाएं फिर भी हैं कम अलवर डिपो की बसों में यात्रीभार बढऩे के बाद भी यहां यात्रियों को अधिक सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। अलवर बस स्टैण्ड पर फैली गंदगी किसी से नहीं छिपी है। इसके साथ ही कई मूलभूत सुविधाएं यहां से दूर है। अगर यात्रिभार में अलवर डिपो सबसे आगे रहता है तो यहां सुविधाएं भी आगे रहनी चाहिए।
लोड फैक्टर में जनवरी माह में अलवर आगार ने बाजी मारी है। आगार की बसों ने इस दौरान 411.99 लाख रुपए की आय अर्जित की है। जो कि अन्य डिपो से यात्रीभार से तुलना करने पर सबसे अधिक है।
मनोहरलाल शर्मा, मुख्य प्रबंधक अलवर आगार।
मनोहरलाल शर्मा, मुख्य प्रबंधक अलवर आगार।