alwar collector सरकारी स्कूल में पढकऱ बन गए जिला कलक्टर
अलवरPublished: Jul 01, 2019 12:19:58 pm
जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि ऊंचाइयों की कोई सीमा नहीं होती है। मैं आईएएस में चयनित होने के बाद जिला कलक्टर बनने के बाद भी नई ऊंचाइयां छूना चाहता हूं। मेरा सपना है कि मैं कुछ नया करू जिसके माध्यम से देश और समाज की सेवा कर सकू। मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूं जिसके कारण मैं सरकारी स्कूल में पढ़ा।
alwar collector सरकारी स्कूल में पढकऱ बन गए जिला कलक्टर
सरकारी स्कूल में पढकऱ बन गए जिला कलक्टर
अलवर.
जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि ऊंचाइयों की कोई सीमा नहीं होती है। मैं आईएएस में चयनित होने के बाद जिला कलक्टर बनने के बाद भी नई ऊंचाइयां छूना चाहता हूं। मेरा सपना है कि मैं कुछ नया करू जिसके माध्यम से देश और समाज की सेवा कर सकू। मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूं जिसके कारण मैं सरकारी स्कूल में पढ़ा। मैंने आईआईटी करने के बाद फ्रांस की नामी कम्पनी में नौकरी ज्वाइन की।
सन् 2008 में मुझे एक लाख रुपए महीना मिलता था कि लेकन देश की सेवा करने का जज्बा लेकर मैंने आईएएस बनना स्वीकार किया।सिंह ने राजस्थान पत्रिका और लार्डस विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में अपने कॅरियर को लेकर अनुभव सांझा किए।
सिंह ने कहा कि मैंने हर साल स्कूली शिक्षा में टॉप किया। मैं हर काम में अपना शत प्रतिशत देता रहा हूं। मैं पंजाब के गुरदासपुर जिले का था। उस समय यह कहते थे कि गुरदासपुर के बच्चे आईआईटी नहीं कर सकते, वहां तो दिल्ली और अमृतसर के बच्चे पहुंचते हैं। आपको अपनी मेहनत से अपने आपको साबित करना होगा। जिला कलक्टर ने कहा कि हम आज भी नया सीखने का प्रयास करते हैं। युवा एक ऐसी अवस्था है जिसमें हम जैसे सोचते हैं और वैसे ही बन जाते हैं। इस समय कॅरियर पर पूरा फोकस रहना चाहिए। इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जिला कलक्टर के बतौर मैं यह ड्रीम लेकर सोता हू कि सबसे बेस्ट करू और सुबह उठता हूं तो संकल्प लेता हूं कि आज सर्वश्रेष्ठ करूंगा।