जातीय गणित भाजपा की है परेशानी, कांग्रेस में खामोशी
अलवर. देश-प्रदेश के बदले राजनीतिक माहौल में कांग्रेस व भाजपा जीत की जुगत में जुटी है। फिलहाल प्रमुख पार्टियों की लोकसभा चुनाव की तैयारियां जातीय गणित में उलझी हैं। यही कारण है कि चुनाव की तारीखों के एेलान से एनपहले तक कोई भी दल अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। हालांकि कांग्रेस खेमे में जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अलवर लोकसभा क्षेत्र से एक ही नाम होने के कारण खामोशी छाई है, वहीं भाजपा की रणनीति फिलहाल जातीय गणित में उलझी है।

चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव की तारीख के एेलान का इंतजार है, एेसे में प्रमुख पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। फिलहाल प्रमुख पार्टियों का ध्यान देश व प्रदेश में बदले राजनीतिक माहौल पर है। खासकर कांग्रेस व भाजपा बदले राजनीतिक माहौल में जीत का ताना बाना बुनने में जुटी है। वैसे तो सभी प्रमुख पार्टियां जातीय आधार को साध वोटों का गणित देख अपनी-अपनी रणनीति को अंजाम दे रही है, फिर भी कांग्रेस व भाजपा ज्यादा चितिंत दिखाई पड़ रही हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद बदले समीकरण
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश के राजनीतिक समीकरण में बड़ा बदलाव आया है। सभी प्रमुख पार्टियां इन बदले राजनीतिक समीकरण को अपने अनुरूप बनाने में जुटी है। प्रदेश में सत्तारूढ़ होने के कारण कांग्रेस की उम्मीदें ज्यादा हैं, वहीं भाजपा भी केन्द्र सरकार के कामकाज के भरोसे पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को दोहराने के प्रयास में जुटी है। वहीं बसपा भी विधानसभा चुनाव में जिले में मिली कामयाबी पर सवार होकर लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुटी है।
राष्ट्रीय स्तर की घटनाओं पर भी पैनी नजर
प्रमुख पार्टियों के रणनीतिकारों की राष्ट्रीय स्तर पर घटित घटनाओं पर भी पैनी नजर है। हर दल इन घटनाओं को चुनाव की दृष्टि से ले रहे हैं। पार्टी नेता इन घटनाओं के नफा नुकसान को देख अपने-अपने दल की चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं।
प्रत्याशी चयन में जातीय गणित हावी
लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रमुख पार्टियों के रणनीतिकार इन दिनों प्रत्याशी चयन में उलझे हैं। इसके लिए सबसे बड़ी परेशानी जातीय गणित है। सभी का ध्यान फिलहाल वोट बैंक पर है। यही कारण है कि प्रमुख दल प्रत्याशी चयन में वोट बैंक को आधार बना रहे हैं।
कांग्रेेस व भाजपा की नजर एक-दूसरे पर
इन दिनों प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेजी पर है, एेसे में कांग्रेस व भाजपा की नजर एक-दूसरे की रणनीति पर टिकी है। दोनों ही दल आपस में एक-दूसरे के जातीय गणित को तोलने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस फिलहाल प्रत्याशी चयन में भाजपा के जातीय गणित पर नजर रखे हुए हैं। वहीं भाजपा की नजर भी कांग्रेस के वोटों की गणित पर है।

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