करीब 12 साल पहले पार्टी में आए धीरज जैन ने नेताओं के साथ रहकर कार्यक्रमों में जाजम बिछाने से शुरू किया सफर अब सभापति की कुर्सी की तरफ बढ़ गया है। पहले भाजपा पार्टी के नेताओं से जुडकऱ वे उनके कार्यों में सहयोग करने लगे। धीरे-धीरे पार्टी के प्रमुख नेताओं के चहेते बनते गए। पिछले चुनाव 2014 में पहली बार वार्ड पार्षद के चुनाव में भाजपा ने टिकट दिया। उनकी सक्रियता को देख लगातार दूसरी बार भाजपा ने उन पर विश्वास जताया और वार्ड 31 से टिकट दिया। वार्ड में त्रिकोणीय मुकाबला होने के बावजूद भी जनता ने धीरज जैन को जीत दिला दी।
पांच साल नगर परिषद में सक्रिय
पार्षद धीरज जैन अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सक्रिय रहे। खुद के वार्ड ही नहीं दूसरे वार्डों में भी कहीं कचरा अधिक पड़ा है और उनको शिकायत मिली तो कचरा उठवाने के लिए नगर परिषद की टीम भिजवाते थे। जिसके कारण खुद के वार्ड के अलावा दूसरे वार्डों के लोग भी उनको जानने लग गए। धीरे-धीरे पार्टी नेताओं के अलावा जनता की नजरों में आते गए।
पार्षद धीरज जैन अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में सक्रिय रहे। खुद के वार्ड ही नहीं दूसरे वार्डों में भी कहीं कचरा अधिक पड़ा है और उनको शिकायत मिली तो कचरा उठवाने के लिए नगर परिषद की टीम भिजवाते थे। जिसके कारण खुद के वार्ड के अलावा दूसरे वार्डों के लोग भी उनको जानने लग गए। धीरे-धीरे पार्टी नेताओं के अलावा जनता की नजरों में आते गए।
भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष भी नगर परिषद चुनाव में भाजपा युवा मोर्चा के कई पदाधिकारियों को पार्षद का टिकट मिला है। जिनमें युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष धीरज जैन भी शामिल हैं। चुनाव जीतने के बाद धीरज को पार्टी ने सभापति का चेहरा बना दिया। जिससे युवा मोर्चा को बड़ा महत्व मिला है। नामांकन के दौरान धीरज के साथ युवा मोर्चा के अध्यक्ष जले सिंह सहित कई पदाधिकारी भी रहे। धीरज जैन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत उनके साथी पार्षद सीताराम चौधरी व दीपक पंडित के साथ की है।