यहां उलझा है मसला जानकारी के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकार के बीच में मेडिकल कॉलेज की सीट बंटवारे को लेकर उलझन है। जानकारी में आया है कि मेडिकल कॉलेज में कुछ सीट श्रमिकों के बेटे-बेटियों को देना सुनिश्चित करने का मसला अभी नहीं सुलझ सका है। जिसके कारण केन्द्र व राज्य सरकारों में समझौता नहीं हो सका है। उसी का नतीजा है कि छह साल से मेडिकल कॉलेज का भवन कोई काम नहीं आ सका है।
रोजगार मिलते और व्यवस्थाएं बढ़ती सरकार समय पर अलवर में मेडिकल कॉलेज को शुरू करती तो यहां कई हजार को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलते। आसपास के क्षेत्र में विकास भी अधिक होता। कुछ मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होने से सबको लाभ मिलता। लेकिन, सरकारों की आपसी उलझन के कारण भवन भी पुराना होने
लगा है।
6 साल से बनकर तैयार 6 साल से करीब 850 करोड़ का मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार है। लेकिन, अब तक संचालन नहीं हो सका है। केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच आपसी सहमति के कारण मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं हो पाया है। अब कोरोना वायरस के कारण यहां आइसोलेशन वार्ड बनाया गया। केन्द्र से कई बार अधिकारियों का दल यहां आया है। सबने भवन परिसर की खूब तारीफ की है। उसी का नतीजा है कि अब फिर से केन्द्र सरकार के जरिए 25 फरवरी को अधिकारियों का दल अलवर आएगा।