अलवर

कोरोना महामारी से लड़ने में गांव का आम आदमी भी कर रहा प्रयास, ट्रेक्टर से पीछे सेनेटाइज़र लगाकर कर रहा पूरे गांव में छिड़काव

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की जिद अब शहर से गांव तक दिखने लगी है।

अलवरMar 28, 2020 / 02:29 pm

Lubhavan

कोरोना महामारी से लड़ने में गांव का आम आदमी भी कर रहा प्रयास, ट्रेक्टर से पीछे सेनेटाइज़र लगाकर कर रहा पूरे गांव में छिड़काव

अलवर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की जिद अब शहर से गांव तक दिखने लगी है। लॉक डाउन के बाद से ही आमजन अपने स्तर के प्रयास करने लग गया हेै। गांवों में किसी ने सैनेटाइजर करने का जुगाड़ तैयार किया तो बहुत से लोग मास्क बनाने में लग गए हैं। महिलाएं भी मास्क बनाने लगी है। ताकि गांवों में वायरस की दस्तक को रोका जा सके। इनके प्रयासों से न केवल सीधे तौर पर वायरस को रोकने के प्रयास हो रहे हैं बल्कि किसान, मजदूर व श्रमिक सब जागरूक भी होने लगे हैं।
कीथूर में सैनेटाइजर का जुगाड़

कीथूर गांव में एक किसान ने अपने ट्रैक्टर के पीछे एक पानी की टंकी लगाकर कम्प्रेसर का जुगाड़ बना दिया। टंकी में सैनेटाइजर का घोल तैयार कर गांव में छिडक़ाव शुरू कर दिया है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि यह बहुत अच्छी पहल है। अभी कुछ घरों तक सैनेटाइजर किया जा चुका है। जल्दी सब घरों को सैनेटाइजर किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी तय कर लिया कि गांव के बाहर से किसी भी व्यक्ति को नहीं आने दिया जाएगा। यदि कोई आवश्यक सामग्री लेकर आता है तो उसका भी पहले सैनेटाइजर किया जाने लगा है। कई जगहों पर ग्रामीण आपसी मदद के जरिए ऐसा कर पा रहे हैं।
चतरपुरा में मास्क बनाने लगे मोहनलाल

बानसूर के गांव चतरपुरा में मोहनलाल मौर्य मास्क बनाने में लग गए हैं। जिसके लिए राकेश दायमा ने उनको प्रेरित किया। कुछ कपड़े की व्यवस्था कराई। गूगल के जरिए मास्क बनाने की विधि को जाना। इसके बाद एक दिन में 50 से 60 मास्क बनाने लगे हैं। ताकि आसपास के लोगों को वितरित किए जा सकें। राकेश दायमा ने बताया कि ये मास्क उन लोगों तक पहुंचाने का प्रयास है जो आवश्यक कामकाज के लिए गांव से बाहर आते-जाते हैं। ताकि बाहर से कोई वायरस लेकर नहीं आ जाए। ऐसे और भी बहुत लोग हैं जो इस माहमारी को मात देने के लिए अपने प्रयास में जुट गए हैं। गांवों में भी लॉक डाउन व्यापक असर दिखने लगा है।
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