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अलवर में बारिश की कमी ने बढ़ाई भूमि पुत्रों की चिंता, अभी आधी भी नहीं बुवाई

locationअलवरPublished: Jul 09, 2019 11:16:43 am

Submitted by:

Hiren Joshi

less rain in alwar : अलवर में बारिश की कमी के चलते अब किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। इस समय जिले में आधी बुवाई भी नहीं हो पाई है।

Alwar Farmers Worrying Due To Less Rain In Alwar

अलवर में बारिश की कमी ने बढ़ाई भूमि पुत्रों की चिंता, अभी आधी भी नहीं बुवाई

अलवर. मानसून की देरी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। इस वर्ष बरसात की देरी से खरीफ की बुवाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यही कारण है कि अभी तक बाजरे की आधी बुवाई भी नहीं हो पाई है। अलवर जिले में सबसे अधिक बुवाई का क्षेत्रफल बाजरा का होता है। इस वर्ष बाजरे की बुवाई का लक्ष्य 2 लाख 75 हजार हैक्टेयर का था जिसमें अभी तक 1 लाख 32 हजार 508 हैक्टेयर क्षेत्र में ही बुवाई की गई है।
बहरोड़ सहित अलवर जिले की सबसे प्रमुख फसल बाजरा है जो असिंचित क्षेत्र में भी होता है। 15 दिन पहले आई बरसात में कुछ किसानों ने बाजरे की बुवाई की थी जो तेज धूप में खराब हो सकता है। इस बार ज्वार की बुवाई का लक्ष्य 26 हजार हैक्टेयर का है जबकि बुवाई मात्र 2600 हैक्टेयर में ही हो पाई है।
अलवर जिले में मक्का की बुवाई का लक्ष्य 4 हजार हैक्टेयर है जबकि एक हजार हैक्टेयर में बुवाई हो पाई है। इसी प्रकार अरहर की बुवाई का लक्ष्य 2 हजार हैक्टेयर की तुलना में एक हजार 10 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। ग्वार बुवाई का लक्ष्य 18 हजार हैक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया गया है, जबकि इसमें से मात्र 3500 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई है। खाद्यान्न फसलों की कुल बुवाई का लक्ष्य 3 लाख 25 हजार रखा गया है जिसमें अभी तक 1 लाख 39 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है।
इसी प्रकार अलवर जिले में पानी की निरन्तर कमी के चलते तिल की बुवाई का लक्ष्य मात्र 4 हजार हैक्टेयर, मूंगफली का एक हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य है जो अभी आधा भी पूरा नहीं हुआ है। इसी प्रकार गन्ना की बुवाई 10 हैक्टेयर क्षेत्र में ही सिमट गई है, लेकिन बुवाई एक हैक्टेयर में भी नहीं हो पाई है। कपास की बुवाई का लक्ष्य अब बढ़ता जा रहा है, इसका लक्ष्य इस वर्ष 50 हजार हैक्टेयर है जिसमें 57 हजार 964 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। इस वर्ष सारी फसलों की बुवाई का लक्ष्य 4 लाख 60 हजार 10 है जबकि बुवाई 2 लाख 85 हजार हैक्टेयर में हो
पाई है।
बरसात समय पर आए तो काम चले

इस वर्ष बरसात समय पर नहीं आने से खरीफ की फसल की बिजाई देरी से हो रही है। यदि बरसात देरी से आती है तो फसलों की बिजाई में देरी होगी। इससे बाजरे की बोई फसल को नुकसान होगा। इस सप्ताह बरसात होने पर फसल की पूरी बुवाई हो जाएगी।
अगेती की निराई- गुड़ाई शुरू

राजगढ़ के समीपवर्ती पिनान क्षेत्र में मानसून पूर्व की बरसात में जिन किसानों ने खरीफ की बुवाई की थी वे अपने खेतों में अब निराई गुड़ाई के कार्य में जुट गए हैं । जिन क्षेत्रो मे मानसून पूर्व व बाद की बारिश की बूंद तक नहीं हुई वो किसान बारिश के लिए पलक पावड़े इंतजार कर रहे हैं । किसान इस दुविधा में हैं कि खरीफ की बुवाई होगी या नहीं। बारिश के नहीं होने से खरीफ की बुवाई का समय निकलता जा रहा है।
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