यू-ट्यूब चैनल के खिलाफ कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक देशमुख परिस अनिल ने बताया कि घटना के वीडियो वायरल करने के मामले में यू-ट्यूब चैनल टॉप न्यूज-24 के खिलाफ शहर कोतवाली थाने मामला दर्ज कराया गया है। इस यू ट्यूब चैनल ने पीडि़ता की पहचान उजागर की थी।
पुलिस अधीक्षक देशमुख परिस अनिल ने बताया कि घटना के वीडियो वायरल करने के मामले में यू-ट्यूब चैनल टॉप न्यूज-24 के खिलाफ शहर कोतवाली थाने मामला दर्ज कराया गया है। इस यू ट्यूब चैनल ने पीडि़ता की पहचान उजागर की थी।
वहीं, पुलिस की ओर से फेसबुक व यूट्यूब को इस वीडियो को ब्लॉक करने के लिए पत्र भी लिखा गया है। हालांकि कुछ यू-ट्यूब चैनल पर इस केस से संबंधित वीडियो पर अब भी पीडि़ता का फोटो थंबनेल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
एससी/एसटी न्यायालय में पेश
शनिवार दोपहर जिला पुलिस अधीक्षक देशमुख परिस अनिल, एएसपी (ग्रामीण) चिरंजीलाल और जांच अधिकारी डीएसपी (ग्रामीण) जगमोहन शर्मा कोर्ट पहुंचे। वहां उन्होंने एससी/एसटी न्यायालय में मजिस्ट्रेट बृजेश शर्मा के समक्ष थानागाजी गैंगरेप मामले में चालान पेश किया। प्रकरण में केस ऑफिसर स्कीम के तहत नियमित रूप से सुनवाई होगी। प्रकरण में जल्द ही न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने प्रकरण में एफआइआर दर्ज होने के १६ दिन में अनुसंधान पूरा कर लिया।
शनिवार दोपहर जिला पुलिस अधीक्षक देशमुख परिस अनिल, एएसपी (ग्रामीण) चिरंजीलाल और जांच अधिकारी डीएसपी (ग्रामीण) जगमोहन शर्मा कोर्ट पहुंचे। वहां उन्होंने एससी/एसटी न्यायालय में मजिस्ट्रेट बृजेश शर्मा के समक्ष थानागाजी गैंगरेप मामले में चालान पेश किया। प्रकरण में केस ऑफिसर स्कीम के तहत नियमित रूप से सुनवाई होगी। प्रकरण में जल्द ही न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने प्रकरण में एफआइआर दर्ज होने के १६ दिन में अनुसंधान पूरा कर लिया।
ये आरोपी…
अलवर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में गैंगरेप के आरोपी इंद्राज सिंह पुत्र धर्मपाल उर्फ धर्मा गुर्जर निवासी पाथरेड़ी-जयपुर ग्रामीण, हंसराज उर्फ हंसा पुत्र रामस्वरूप गुर्जर निवासी काला खोहरा-थानागाजी, महेश पुत्र खडग़ाराम गुर्जर निवासी भडाणा की वाल-नारायणपुर, अशोक पुत्र बाबूलाल गुर्जर निवासी भडाणा की वाल तोलावास-नारायणपुर, छोट्या उर्फ छोटेलाल पुत्र लीलाराम गुर्जर निवासी नवलपुरा तन रतनपुरा-बानसूर को आरोपी बनाया गया है।
अलवर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में गैंगरेप के आरोपी इंद्राज सिंह पुत्र धर्मपाल उर्फ धर्मा गुर्जर निवासी पाथरेड़ी-जयपुर ग्रामीण, हंसराज उर्फ हंसा पुत्र रामस्वरूप गुर्जर निवासी काला खोहरा-थानागाजी, महेश पुत्र खडग़ाराम गुर्जर निवासी भडाणा की वाल-नारायणपुर, अशोक पुत्र बाबूलाल गुर्जर निवासी भडाणा की वाल तोलावास-नारायणपुर, छोट्या उर्फ छोटेलाल पुत्र लीलाराम गुर्जर निवासी नवलपुरा तन रतनपुरा-बानसूर को आरोपी बनाया गया है।
ये अपराध…धाराएं
-आरोपियों के खिलाफ रास्ता रोकना, अपहरण, मारपीट करना, निर्वस्त्र करना, मान-सम्मान को ठेस पहुंचाना, सामूहिक बलात्कार, जातिसूचक शब्द, डकैती, धमकी और वीडियो वायरल करने की आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं। -आरोपी मुकेश पुत्र श्रीराम गुर्जर निवासी काला खोहरा-थानागाजी के खिलाफ आईटी एक्ट में चालान पेश किया गया है।
-आरोपियों के खिलाफ रास्ता रोकना, अपहरण, मारपीट करना, निर्वस्त्र करना, मान-सम्मान को ठेस पहुंचाना, सामूहिक बलात्कार, जातिसूचक शब्द, डकैती, धमकी और वीडियो वायरल करने की आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं। -आरोपी मुकेश पुत्र श्रीराम गुर्जर निवासी काला खोहरा-थानागाजी के खिलाफ आईटी एक्ट में चालान पेश किया गया है।
यह है मामला
थानागाजी-नारायणपुर मार्ग स्थित दुहार चौगान में 26 अप्रेल को पांच दरिंदों ने बाइक पर जा रहे पति-पत्नी कर पकड़ लिया। रेत के टीलों के बीच ले जाकर उनके साथ मारपीट की और उन्हें निर्वस्त्र कर दिया। फिर पति के सामने ही पत्नी से पांचों आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। साथ ही मोबाइल से घटना के वीडियो-फोटो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। प्रकरण में पुलिस ने गैंगरेप के आरोपी छोटेलाल गुर्जर, इंद्राज गुर्जर, हंसराज गुर्जर, अशोक गुर्जर, महेश गुर्जर और वीडियो वायरल करने वाले मुकेश को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की लापरवाही
पीडि़त के पक्ष के 30 अप्रेल को जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होने के बाद भी पुलिस लापरवाह बनी रही। इसके दो दिन बाद पुलिस ने दो मई को एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण मामले को दबाकर बैठी रही। छह मई की शाम को मामला मीडिया के सामने आ गया और फिर देश-दुनिया की सुर्खियां बना। उल्लेखनीय है कि सरकार ने बाद में कार्रवाई करते हुए अलवर एसपी राजीव पचार को एपीओ कर दिया था और एसएचओ को निलंबित कर दिया था। मामले में अन्य पुलिस अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
पीडि़त के पक्ष के 30 अप्रेल को जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होने के बाद भी पुलिस लापरवाह बनी रही। इसके दो दिन बाद पुलिस ने दो मई को एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण मामले को दबाकर बैठी रही। छह मई की शाम को मामला मीडिया के सामने आ गया और फिर देश-दुनिया की सुर्खियां बना। उल्लेखनीय है कि सरकार ने बाद में कार्रवाई करते हुए अलवर एसपी राजीव पचार को एपीओ कर दिया था और एसएचओ को निलंबित कर दिया था। मामले में अन्य पुलिस अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।