मरीजों को हो रही परेशानी सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार करने से सोमवार को जिले की चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर, प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. केके शर्मा ने बताया कि आईएमए के राष्ट्रीय कार्य बहिष्कार के तहत 17 जून को सुबह 8 से 18 जून सुबह 6 बजे तक प्राइवेट अस्पतालों में आउटडोर सेवाएं बंद की गई हैं, सिर्फ इमरजेंसी सुविधा जारी रहेगी।
यह रहेगी व्यवस्था चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के दौरान आयुष जिले में चिकित्सा सेवाओं की कमान संभालेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी मीणा ने बताया कि जिले में चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान आयुष चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी, आरबीएसके, एमएमयू एंड एमएमवी और प्रोबेशन के चिकित्सकों को पाबंद किया गया है। जिससे कि हड़ताल के दौरान मरीजों को परेशानी न हो। इसके लिए सभी खंड प्रभारी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आरसीएचओ, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी व सीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने भी चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवा सुचारू रखने के निर्देश दिए हैं।
सामान्य अस्पताल से जा रहे भर्ती मरीज चिकित्सकों की हड़ताल के बाद मरीज स्वयं ही हॉस्पिटल से जा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि उन्हें कल भी डॉक्टरों ने चैक नहीं किया था, आज हड़ताल है, ऐसे में वे यहां रुकने के बजाए अपने घर जा रहे हैं। डहलावास से आए मरीज रमेश ने बताया कि उसके हाथ व सिर मे चोट है, लेकिन चिकित्सकों ने केवल एक बार कल चैक किया, आज उनकी कोई नहीं सुन रहा। मरीजों को हो रही परेशानी के लाइव हालात जानने के लिए पत्रिका रिपोर्टर मौके पर पहुंचे तो हालात खराब मिले, ओपीडी में परामर्श नहीं मिलने के कारण वे बाहर ही बैठे रहे। कई मरीज स्वयं ड्रिप हटाते मिले।