घर बैठे पहुंच जाती हैं दवाएं कुछ लोग अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर पर्ची बनवा कर दवाएं ले जाते हैं। नियमों के मुताबिक यह गलत है। मानसिक रोगियों के मामले में इस तरह की शिकायतें आए दिन मिलती हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर प्रत्येक बीमारी का उपचार अलग हिसाब से होता है। कई बीमारियों में मरीज को तीन दिन की दवाओं से आराम हो जाता है। जबकि कुछ को पांच दिनों की दवा की आवश्यकता होती है। लेकिन पहले मरीज को कम दिन की दवा देनी चाहिए। बाद में उन दवाओं के प्रभाव के हिसाब से आगे की दवा निर्धारित करनी चाहिए।
डॉ. राजीव सक्सेना, पूर्व आईएमए अध्यक्ष बीमारी के हिसाब से मरीज को दवा दी जाती है। नियम के हिसाब से डॉक्टरों को पाबंद किया जाएगा। जिससे दवाएं बर्बाद नहीं हो। मरीजों को भी इस तरफ थोड़ा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि दवाओं के शरीर पर नुकसान भी पड़ते हैं।
डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर
डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर