एसीबी के डीएसपी महेन्द्र मीणा ने बताया कि परिवादी तौफीक खान ने ब्यूरो में प्रार्थना-पत्र पेश कर अवगत कराया था कि उसकी बहन जनवरी 2015 से जनवरी 2020 तक ग्राम पंचायत सारेकलां पंचायत समिति तिजारा जिला अलवर की सरपंच रही थीं। जिनके कार्यकाल के दौरान ग्राम पंचायत क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों एवं लेखों का ऑडिट टीम से सही ऑडिट कराने एवं अनावश्यक रिकवरी नहीं निकालने के एवज में ग्राम विकास अधिकारी अशोककुमार की ओर से 40 हजार की रिश्वत की मांग की जा रही है, लेकिन 35 हजार रुपए देना तय हुआ। एसीबी ने परिवादी की रिश्वत मांग की शिकायत का सत्यापन 11 जनवरी 2021 को कराया जो सही पाया गया। इसके बाद अग्रिम ट्रेप कार्रवाई की योजनानुसार 12 जनवरी को ऑडिट टीम के सभी सदस्य पंचायत समिति के एक रूम में साथ बैठकर ऑडिट संबंधी कार्य कर रहे थे।
सचिव अशोककुमार ने परिवादी से रिश्वत राशि लाने संबंधी वार्ता के बाद ऑडिट प्रभारी सुगरसिंह के पास कमरे में जाकर तय की गई राशि के बारे में बताया। इस पर ऑडिट प्रभारी ने अपने अधीनस्थ टीम सदस्य नवलकिशोर को सचिव के साथ तय की गई राशि लेने के लिए कमरे से बाहर भिजवाया। आरोपी सचिव ने परिवादी से लिए 35 हजार रुपए ऑडिट टीम के कनिष्ठ लेखाकार नवलकिशोर शर्मा को दे दिए। इसी बीच ब्यूरो टीम ने दबोच लिया। पकड़े जाने पर कनिष्ठ लेखाकार ने अपने हाथ में ली हुई रिश्वत राशि को जमीन पर डाल दी, जिसे ब्यूरो टीम ने मौके से बरामद कर ली। साथ ही ग्राम विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ लेखाकार के हाथ धुलाए तो रंग गुलाबी पाया गया।
आठ दिसंबर से चल रही थी ऑडिट डीएसपी मीणा ने बताया कि ऑडिट टीम के सदस्य अतिरिक्त निदेशक स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर से 8 दिसंबर 2020 से ऑडिट के लिए पंचायत समिति तिजारा में आए हुए थे। जिसमें कुल तीन सदस्य हैं। जिनका प्रभारी सहायक लेखाधिकारी सुगरसिंह एवं उसके दो सहयोगी कनिष्ठ लेखाकार नवलकिशोर शर्मा एवं सहायक प्रशासनिक अधिकारी गोविन्दलाल मेहरा है। उक्त ऑडिट टीम के सभी सदस्यों की रिश्वत राशि लेने में सहभागीदारी पाई गई है आगे की कार्रवाई अभी जारी है।