जीएसटी को लेकर अधिकतर व्यापारियों में असंतोष दिखाई दिया। इस विषय पर व्यापारियों, विशेषज्ञों और आम जन ने अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार व्यक्त की। जीएसटी लागू होने के बाद रिटर्न भरने की औपचारिकता अधिक हो गई है। अब हमारी चिंता को कम होने की बजाए बढ़ा दिया गया है। यदि इसको सरल किया जाता तो और अच्छा होगा। सरकार ने इसका ख्याल नहीं रखा है।
विपिन मामोडिय़ा, मन्नी का बड़, अलवर
जीएसटी से व्यापार करना आसान हो गया है। अब व्यापारियों को यह समझ आने लगा है। इससे प्रारम्भ के दिनों में परेशानी आई थी जो अब कम हो गई है। आगामी वर्षों में यह और अच्छी तरह लागू होगा।
निरंजन लाल गुप्ता, व्यापारी, अलवर
जीएसटी में कई प्रावधान बाद में जोड़े गए हैं जिससे इसे कठिन बनाया जा रहा है। हमारे देश में जीएसटी को लेकर सरकार ने वायदा किया था कि इससे महंगाई कम होगी। एक साल में देख लीजिए महंगाई कम होने की बजाए बढ़ गई है। व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज लागू हो गया है।
महेश भारद्वाज, व्यापारी, होपसर्कस
&जीएसटी से क्या फायदा हुआ है, इसकी जानकारी हमें आज तक नहीं है। इस देश में कितने से व्यापार हैं जो कम्प्यूटर चलाना जानते हैं। सरकार को व्यापारियों की परेशानी को भी ध्यान में रखना चाहिए।
केके सिद्ध, सेवानिवृत्त कर्मचारी
&जीएसटी से ट्रांसपोर्ट व्यवसासियों को कोई लाभ नहीं हुआ है जिससे उनकी औपचारिकता बढ़ी है। यदि कोई वाहन चालक कम पढ़ा लिखा है तो वे ई वे बिल को कैसे मैंटेन करेगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
श्याम सुंदर, व्यापारी
&जीएसटी में सभी प्रकार के टैक्स व सेस खत्म करने की बात कहीं गई थी लेकिन बाद में सरकार ने लग्जरी व गुड्स पर नया प्रकार का सेस लगाया गया है। सरकार को इसे भी समाप्त करना चाहिए था।
प्रेम प्रकाश शर्मा, एडवोकेट, अलवर
&जीएसटी से कई फायदे भी हुए हैं। इसमें पहले एक देश एक टैक्स की बात कही गई थी जो काफी हद तक सही है। इसमें कई व्यवहारिक कठिनाइया हैं। -रघुनदंन अग्रवाल, अलवर &जीएसटी अभी तक हमें समझ नहीं आया है। इससे सरकार ने कर आवश्यक रूप से बढ़ा लिया है लेकिन इससे और कोई लाभ नहीं होने वाला है। -कमल शर्मा, व्यापारी