अब आगे क्या होगा जिन्होंने दो आवेदन भरे हैं उनकी नौकरी जा सकती है। भर्ती अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। 2012 के पात्र आवेदकों को जिनको शामिल नहीं किया उनको मौका मिल सकता है। अन्य आवेदनों की जांच से पता लगेगा कि कितने जनों ने दो आवेदन किए हैं। जिन अभ्यर्थियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए हैं उनकी भी नौकरी जाना तय है। आगे सब अनुभव प्रमाणपत्रों की नियमानुसार जांच होगी तो पुराना रिकॉर्ड मिलना संभव नहीं है। ऐसे अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
नियुक्ति हो सकती है प्रभावित नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती की लॉटरी निकाले जाने के बाद करीब सौ से अधिक सफल अभ्यर्थियों ने अपने दस्तावेज जमा करा दिए हैं। अब उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया होने से पहले नया झमेला आ गया। एक अभ्यर्थी के नाम दो-दो लॉटरी निकाले जाने के बाद पूरी नियुक्तियां प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि नगर परिषद आयुक्त का कहना है कि उच्चाधिकारियों से राय ली है। नियुमानुसार नियुक्ति दी जाएंगी। उधर, सभापति का कहना है कि जिन्होंने जानबूझकर दो आवेदन किए हैं। उनकी नौकरी जा सकती है। अब समिति के सामने आने वाले प्रकरणों की जांच हो सकती है। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र मीणा भी पार्षदों के साथ सभापति से मिले। उसके बाद ही जांच के लिए समिति बनाई है। हालांकि आयुक्त का कहना है कि उनको समिति बनाने की जानकारी नहीं है।
ये दो प्रकरण पकड़ में आए 16 जुलाई को 456 पदों पर लॉटरी से चयन हुआ जिसमें अनुसूचित जाति श्रेणी में अभ्यर्थी धापा बाबूलाल जिसकी जन्म तिथि 5 मार्च 1980 है। पता अकबरपुर का दिखाया गया है। फिर इसी अभ्यर्थी धापा देवी बाबूलाल का चयन सामान्य श्रेणी में भी हो गया जिसमें भी अभ्यर्थी की जन्म तिथि पांच मार्च 1980 है। यहां पर पता मुबारिकपुर रामगढ़ बताया है।
इसी तरह से अभ्यर्थी नीतू सुभाष चन्द का सामान्य श्रेणी में ही दो बार चयन हो गया। दोनों में जन्म तिथि 24 अगस्त 1977 दिखा रखी है। एक में पता अखैपुरा हरिजन बस्ती है तो दूसरे में 200 फीट शांति नगर है। एक जगह अभ्यर्थी ने उप नाम करोतिया लगा रखा है। शिकायत मिलते ही मामले की जांच की गई तो सही पाया गया। जांच समिति बना दी है।
फैक्ट फाइल
सफाई कर्मचारी भर्ती के कुल पद 456
कुल आवेदन प्राप्त हुए 1600
2012 के कुल पात्र आवेदक करीब 1100
अब दो बार लॉटरी में कितनों का नम्बर अभी 2 प्रकरण
निरस्त आवेदकों की संख्या 671 यही सही है कि एक ही आवेदक का दो-दो बार लॉटरी में नम्बर आया है। जिन्होंने आवेदन पत्र भी दो भरे हैं। जांच के लिए समिति बना दी है। कार्रवाई भी निश्चित रूप से होगी।
अशोक खन्ना, सभापति, नगर परिषद अलवर
लॉटरी जिस सॉफ्टवेयर से निकाली है। उससे एक ही नाम को दो बार आने पर पकडऩा चाहिए था लेकिन अभ्यर्थियों ने पते या नाम में थोड़ा बहुत बदलाव कर दिया जिससे पकड़ में नहीं आए। डीएलबी से बात हुई हैं। जिनके दो आवेदन हैं उनके तथ्यों की जांच कर निर्णय किया जाएगा।
संजय शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद अलवर
इस तरह धांधली के जिम्मेदार आयुक्त हैं। मामले की एसीबी से जांच हो। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूरी जांच की जाए।
नरेन्द्र मीणा, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद