सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी युवती परवीन ने काजल के नाम से के फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर अलवर के युवक को अपने जाल फंसाया। युवक ने सेना की छावनी के कई फोटो और जानकारी भी पाकिस्तानी युवती को भेजी। इस बात की भनक कुछ माह पहले उत्तरप्रदेश एटीएस को लगी। उत्तरप्रदेश एटीएस ने मामले में पड़ताल शुरू करते हुए इस खुफिया जानकारी को राजस्थान की स्टेट आइबी से भी शेयर किया।
इसके बाद करीब दो माह पहले स्टेट आइबी से विजय नामक सब इंस्पेक्टर अलवर आए और जांच के लिए इस युवक के घर पहुंचे। वहां सब इंस्पेक्टर ने युवक और उसके परिजनों के आगे ये राज खोल दिया कि वह जिस युवती से फेसबुक व वाट्सएप पर बात कर रहा है वह पाकिस्तानी एजेंट है। वह उससे बात करना बंद कर दे, नहीं तो फंस जाएगा।
मामले को हल्के से लेते हुए फौरी कार्रवाई कर आईबी सब इंस्पेक्टर यहां से रवाना हो गया, लेकिन युवक सतर्क हो गया। उसने तत्काल अपने मोबाइल में से फेसबुक, वाट्स-एप सहित सम्बन्धित पूरा डेटा डिलीट कर दिया तथा मोबाइल भी बदल लिया। इसके बाद पाकिस्तानी युवती से बातचीत करना भी बंद कर दिया।
दो माह बाद आए तो नहीं मिला ज्यादा कुछआईबी सब इंस्पेक्टर की फौरी जांच के करीब दो माह बाद उत्तरप्रदेश व राजस्थान एटीएस और आइबी की टीम ने गुरुवार को अलवर में दबिश देकर युवक को दबोचा।
एटीएस और आइबी की टीमें रवानासंदिग्ध युवक को करीब ३६ घंटे की पूछताछ के बाद शुक्रवार रात पाबंद कर छोड़ दिया गया। सूत्रों के मुताबिक एटीएस और आइबी के जांच अधिकारियों को पूरा संदेह है कि परवीन पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआइ की एजेंट है।