नाम – राजकीय शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अखैपुरा
अव्यवस्था – यह केंद्र निजी भवन में खुला हुआ था। यहां पर सुबह ९.३० बजे सफाईकर्मी झाडू लगा रही थी। यहां कार्यरम महिला चिकित्सक अनुपस्थित थी। यहां पर १२ में से मात्र ४ कर्मचारी ही उपस्थित मिले। वार्ड निवासियों ने बताया कि यहां अक्सर डाक्टर नहीं मिलते, मरीजों के साथ नर्सिंग स्टाफ का व्यवस्था खराब है।
अव्यवस्थाा – यहां पर सफाई का पूरा इंतजाम नहीं था, पीएमओ कक्ष पर कुंडी लगी हुई थी। अस्पताल में सुरक्षा गार्ड नहीं मिले। जबकि यहां दो सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए हुए हैं। लेकिन दोनों को ही दूसरे कार्यो में लगाया हुआ है। लोगों ने शिकायत की कि यहां पर रात को भर्ती होने वाले मरीजों का सामान और पर्स कई बार चोरी हो चुका है। यहां पर सफाईकर्मी अक्सर शराब के नशे में रहते हैं, ठेकेदार कभी यहां आता ही नहीं है।
समय १० बजे नाम – शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नंबर एक सुभाष चौक अव्यवस्था – यहां पर दो डाक्टरों की डयूटी है लेकिन मौके पर डाक्टर अमित वशिष्ठ ही उपस्थित मिले। जबकि दूसरे डाक्टर का कमरा खाली था। एक ही डाक्टर के होने से मरीजों की कतार लगी हुई थी। बहुत देर बाद मरीजों का नंबर आ रहा था। डाक्टर वशिष्ठ ने बताया कि इन दिनों सर्दी , जुकाम के मरीज ही ज्यादा आ रहे हैं। केंद्र के बाहर ही कचरे का ढेर लगा हुआ था। जिससे यहां आने वाले मरीजों में संक्रमण फैलने का डर रहता है।
जबकि शिवाजी पार्क स्थित डिस्पेंसरी में अधिकतर व्यवस्था बेहतर थी। यहां कार्यरत डाक्टर ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही यहां पर सीएमएचओ ने निरीक्षण किया था। यहां स्टाफ की परेशानी थी, जिसे लगा दिया गया है। इन दिनों मरीज यहां कम आ रहे हैं।