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देखिए किस हाल में रह रहे हैं मरीज, टूटी है खिड़कियां, दरवाजा भी नहीं होता बंद

locationअलवरPublished: Jan 15, 2020 01:10:19 pm

Submitted by:

Jyoti Sharma

सर्दी से बेहाल है मरीजए टूटी खिड़कियों से आती है सर्द हवाएं
अलवर. एक और जहां अलवर में इन दिनों सर्द हवाओं व तेज ठंड के चलते आम आदमी का सुबह और शाम को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया वहीं दूसरी और अलवर के सामान्य चिकित्सालय मेें स्थित मरीजों को तेज ठंड व चुभन वाली सर्दी झेलने को मजबूर है। सरकारी अस्पताल की टूटी खिड़कियां व खराब दरवाजों से ठंड सीधे ही मरीज तक पहुंच रही है। अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो रहे मरीज सही होने के बजाय बीमार हो जाते हैं।

देखिए किस हाल में रह रहे हैं मरीज, टूटी है खिड़कियां, दरवाजा भी नहीं होता बंद

देखिए किस हाल में रह रहे हैं मरीज, टूटी है खिड़कियां, दरवाजा भी नहीं होता बंद

अलवर के सामान्य चिकित्सालय के मेल वार्ड में तो हालात यह है कि यहां बहुत सी खिडकियों के शीशे टूटे हुए हैंए उनकी जालियां पुरानी और खराब हो चुकी है। तेज हवा व ठंड वार्ड में भर्ती मरीजों को सोने नहींं देती है। वार्ड में लगाए गए एडजेस्टर फैन खराब हो गए हैं एउनमें पंखे नहीं है खाली स्ट्रेचर में वहां से भी ठंडी हवा व सर्दी सीधे ही मरीजों तक पहुंचती है। मरीज के परिजन भी इससे परेशान हो जाते हैं ठंड से बचाने के लिए उन्हें घर से भारी भरकम रजाई लानी पडती है। अस्पताल से एक लाल कंबल मिलता है जिसमें ठंड रोकना मुश्किल होता है।
अंदर से नहीं बाहर से नजर आते हैं टूटे खिडक़ी व दरवाजे

वार्ड में टूटे खिडक़ी व दरवाजों को सुबह पर्दों से ढक दिया जाता हैए इससे अधिकारियों को ये नजर ही नहीं आते हैं। इधरए जनाना अस्पताल के हाल भी खराब ही हैं । यहां पर जज्जा व बच्चा भर्ती होने के बावजूद चिकित्सा विभाग का इस और ध्यान नहीं रहता। वार्ड की खिड़किया टूटी हुई है जिससे रात के समय वार्ड में सीधे ही हवा अंदर आ जाती है। नवजात बच्चों को सर्दी लगने का खतरा रहता है। यहां हालात यह है कि वार्ड के अंदर से तो मरीज के परिजन टूटे खिडक़ी व दरवाजों को कपडे लगाकर ढक़ देते हैं लेकिन बाहर से खिड़कियों के टूटे शीशे व टूटी जालियां साफ नजर आती है।
कूलर लगाकर कर रहे सुरक्षा

अस्पताल के पीछे की तरफ से टूटी हुई खिड़कियों को कूलर लगाकर ढक़ा हुआ है। जबकि तेज सर्दी में इन कुलरों का कोई काम ही नहीं है। प्रसव होने के बाद जच्चा व बच्चा की स्थिति बहुत ही नाजूक रहती है। ऐसे में हल्की सी भी ठंड उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। खिड़कियों के टूटे हुए शीशे व जालियों से गर्मियों व बरसात में मच्छर आते हैं इससे मौसमी बीमारियों के फैलने का डर रहता है।
वर्जन

सभी खिडक़ी व दरवाजे जिनके शीशे व जालियां खराब हो गए हैं । उनके प्रस्ताव तैयार करवाकर भिजवाए गए हैं ।शीघ्र ही काम शुरु हो जाएगा।डाक्टर सुनील चौहानए पीएमओए सामान्य चिकित्सालयए अलवर।
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