सुबह कई नए बाजार बुधवार को खुले। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तो चूड़ी मार्केट था। यहां दुकानदार दोपहर तक तो अपना सामान जमाने और सफाई करने में लगे हुए थे। सभी ने दुकानों के आगे रस्सी खींचकर सोशल डिस्टेंस के प्रयास कर रखे थे। साडिय़ों की दुकान हो या सूट सहित कपड़ों की दुकान, सभी पूरे दिन खाली बैठे रहे। यहां सडक़ों पर अतिक्रमण कर तख्त नहीं लगा रखे थे। दुकान के आगे सडक़ों पर इतनी जगह थी कि आसानी से स्कूटर चलाया जा सकता है।
लॉक डाउन जितने दिन रहा, उतने दिन लगेंगे जमने में-
चूड़ी मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि दुकानें तो खुल गई हैं लेकिन किसी दुकान पर तो शाम तक एक भी ग्राहक नहीं आया है। जितने दिन लॉक डाउन रहा है, बिजनेस को पहले जैसे जमने में उतना ही समय लग जाएगा। अभी तो बस बिजनेस खोलने की औपचारिकता है। जब तक बसें व अन्य साधन नहीं चलेंगे, जब तक बाजारों में दुकानदारी नहीं होगी।
सब्जी मंडी खाली, बाहर ठेलियां- शहर की मुख्य घंटा घर वाली रिटेल सब्जी मंडी बंद हैं जिसके कारण यहां पूरी तरह सूनसान है। इसी प्रकार यहां घंटाघर से विकास पथ तक तो सब्जी व फलों की ठेलियां ही ठेलियां खड़ी हैं। अंदर सब्जी बेचने वाले अपना रोजगार जाने से बहुत परेशान हैं जिसके कारण उनके परिवार के सामने परेशानियां आ गई हैं। इनका कहना है कि हम सोशल डिस्टेंस का पालन करने को तैयार हैं लेकिन प्रशासन ने हमें अनुमति नहीं दी है।
धूप में वाहनों की रेलमपेल- शहर में बुधवार को काफी संख्य में दुपहिया वाहन दिखाई दिए। घंटाघर से नगर परिषद की ओर से जाने वाली सडक़ पर ही सबसे अधिक भीड़ दिखाई दी। हलवाइयों की दुकानें तो खुल गई लेकिन उनमें ग्राहक नहीं है। इस बारे में हलवाइयों का कहना है कि वे पूरी तरह खाली बैठे हैं। इन दिनों बाजार में मिठाई की बिक्री तभी बढ़ सकती है, जब लोग बाहर आना-जाना शुरू करेंगे। इस साल तो गर्मी के बावजूद कूलर व एसी की बिक्री भी पिछले सालों की तुलना में कम हो रही है।