बेटे को रख रही दूर उन्होंने बताया कि मैं दिन भर अस्पताल में रहकर टीम के साथ काम करती हूं। ऐसे में मुझे मेरे परिवार का बार-बार ख्याल आता है । घर जाने के बाद पूरी सावधानी रखती हूं और अपने बेटे को पिछले एक माह से अपने से दूर रखे हुए हैं। साथ ही सास-ससुर को भी दूर से ही बात करती हूं जिससे कि वह लोग संक्रमण का शिकार नहीं हो जाए । मैं अपनी ड्यूटी को कभी नहीं भूलती।
सामान्य दिनों में 6 दिन ड्यूटी करती थी लेकिन अब मुझे 24 घंटे ड्यूटी के लिए अलर्ट रहना पड़ता है। कभी भी कोई भी कोरोना का संदिग्ध मरीज आता है तो तुरंत अटेंड करना पड़ता है ।
डॉ मोनिका कोरोना संदिग्ध के अलावा अपने पहले से दिए हुए कामों को भी बखूबी निभा रहे हैं । वह ब्लड बैंक में है साथ ही सेंट्रल लैब में जांच का काम भी देखती है । ऐसे में डिलीवरी केस के आने के दौरान किसी महिला की ब्लड की कमी से जान नहीं चली जाए इसका वह पूरा ख्याल रख रही है । मरीजों के सैंपल समय पर मिले इसके लिए भी वह कोई असर नहीं छोड़ रही है ।
हमेशा मदद को तैयार
डॉक्टर ने बताया कि कोरोना से संबंधित कोई व्यक्ति कभी भी उनको कॉल कर सकता है वह हमेशा इसके लिए तैयार रहती है। नवरात्रा स्थापना हुई है लेकिन उन्होंने नवरात्रा पर देवी की स्थापना करने के बजाय अपने काम पर ध्यान देकर वहीं पर ही देवी का स्तुति की । इनके पति भी डॉक्टर है इसके चलते वह दोनों ही अपने घर परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं । पूरा ध्यान इस समय कोरोना के संदिग्ध मरीजों पर ही लगा हुआ है ।
पूरे दिन काम करने से थकान और तनाव हो जाता है लेकिन इसके बाद भी जब यह ख्याल आता है कि आज मेरी जरूरत सबको है तो मैं थकान भूल जाती हूं।