रसद विभाग जयपुर की सहायक आयुक्त अल्का मीणा के नेतृत्व वाली टीम बुधवार सुबह करीब 11 बजे अलवर रसद विभाग कार्यालय में पहुंची। वहां सहायक आयुक्त मीणा ने एक-एक कर सभी सम्बन्धित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान लिए। इसके बाद सितम्बर-2016 से लेकर दिसम्बर-2019 तक का जिला रसद विभाग की ओर से आवंटित गेहूं, केरोसिन, चीनी आदि का पूरा रेकॉर्ड निकलवाया। करीब छह घंटे की जांच के बाद शाम पांच बजे मुख्यालय की टीम पूरा रेकॉर्ड अपने साथ ले गई। जिसका विश्लेषण कर दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सहायक आयुक्त के साथ प्रवर्तन अधिकारी एवं विधिक माप विज्ञान अधिकारी कौशल किशोर गुप्ता और जिला रसद अधिकारी रवि जाधव भी मौजूद रहे।
गेहूं और केरोसिन में बड़ा भ्रष्टाचार!
जिले में राशन के गेहूं और केरोसिन में बड़ा भ्रष्टाचार है। सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पात्र गरीबों को नहीं मिल रहा है। उनके हिस्से का गेहूं खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जी तरीके से नाम जुड़वाकर सरकारी मास्टर और पुलिसकर्मी जैसे लोग खा रहे हैं। विभाग के कुछ अधिकारियों से सांठ-गांठ कर राशन डीलर भी गेहूं की सीधी कालाबाजारी कर रहे हैं। वहीं, जिले में 15 लाख लीटर केरोसिन की कालाबाजारी की परतें भी खुलकर सामने आ चुकी हैं।
पत्रिका ने किया उजागर रसद विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल को राजस्थान पत्रिका ने लगातार खबरों के माध्यम से उजागर किया है। बुधवार को भी अलवर पत्रिका में ‘तेल के खेल को फाइलों में दबाकर बैठे अधिकारी!’ शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। पत्रिका की खबरों के बाद राज्य स्तर पर इस भ्रष्टाचार की जांच में तेजी आई है।