अलवर

एक्सप्रेस हाइवे से विकास ही नहीं, किसानों की बदली तकदीर

दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण से अलवर जिले के विकास को ही पंख नहीं लगेंगे, बल्कि किसानों की तकदीर भी बदलने वाली है। एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए भूमि के बदले किसानो को 3 अरब 60 करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान किया जाना है। इसमें से अब तक 2 अरब 97 करोड़ से ज्यादा राशि किसानों के बैंक खातों में पहुंच चुकी है।

अलवरOct 18, 2021 / 12:55 am

Prem Pathak

एक्सप्रेस हाइवे से विकास ही नहीं, किसानों की बदली तकदीर

प्रेम पाठक
अलवर. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण से अलवर जिले के विकास को ही पंख नहीं लगेंगे, बल्कि किसानों की तकदीर भी बदलने वाली है। एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए भूमि के बदले किसानो को 3 अरब 60 करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान किया जाना है। इसमें से अब तक 2 अरब 97 करोड़ से ज्यादा राशि किसानों के बैंक खातों में पहुंच चुकी है।
एक्सप्रेस वे अलवर जिले के लगभग 70 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र से गुजरेगा। इसके लिए तीन तहसीलों के 56 गांवों में 767 हैक्टेयर भूमि किसानों की अवाप्त की गई है। एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अवाप्ति का ज्यादातर कार्य पूरा हो चुका है। यही कारण है कि भारतमाला परियोजना के तहत निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का जिले में तेजी से काम चल रहा है। यह एक्सप्रेस-वे जिले की लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ व रैणी तहसील क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिसमें लक्ष्मणगढ़ तहसील के 25, रैणी के 22 तथा रामगढ़ के 9 गांव शािमल हैं। फिलहाल एक्सप्रेसवे आठ लेन का होगा, लेकिन आवश्यकता पडऩे पर इसे 12 लेन का भी किया जा सकता है।
किसानों के बैंक खातों में आएगा 360 करोड़ रुपया

एक्सप्रेस- वे निर्माण के लिए जिले में 767 हैक्टेयर भूमि अवाप्त करनी थी, इसमें से 8.5 हैक्टेयर का अवार्ड अभी जारी हुआ है। अवाप्त भूमि के बदले तीनों तहसील क्षेत्रों के किसानों को 360 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है, इसमें से 297 करोड़ रुपए का भुगतान अब तक किसानों को हो चुका है। शेष भुगतान जल्द होने की संभावना है। किसानों को भुगतान की प्रक्रिया मई 2018 से शुरू हुई और 31 जुलाई तक 285 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। वहीं अगस्त 2021 के बाद 12 करोड़ रुपए का भुगतान और कर दिया गया है।
मुआवजे की सात हजार फाइलों का किया निपटारा

किसानों की 7 हजार मुआवजे की फाइलों का निपटारा कर भूमि अवाप्त के बदले किसानों को राशि का भुगतान किया गया है। यानि तीनों तहसीलों के सात हजार से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में मुआवजे की राशि आई है। वहीं गैर खातेदारी व कस्टोडियन की भूमि का निर्णय जल्द करने के निर्देश एसडीएम को दिए गए हैं। वहीं 640 हैक्टेयर भूमि का नामांतरकरण भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नाम खोल दिया गया है।
किसानों का जीवन स्तर उठ सकेगा ऊपर

दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे निर्माण से अलवर जिले की रामगढ़, लक्ष्मणगढ़ व रैणी तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के संसाधन बढ़ेंगे। वहीं भूमि अवाप्ति के बदले किसानों को मोटी रकम का काफी हिस्सा इन्हीं क्षेत्रों में रोजगार के संसाधनों के लिए निवेश होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा यहां रहने वाले लोगों का जीवन स्तर ऊंचा हो सकेगा। साथ ही मुआवजा राशि से किसान जरूरत के साधन जुटा सकेंगे। साथ ही औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों की ओर किसान मुडेंगे, जिससे क्षेत्र के विकास के साथ ही ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ होटल बन सकेंगे व नए औद्योगिक क्षेत्र डेवलप हो सकेंगे।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अवाप्त भूमि की मुआवजा राशि का भुगतान ज्यादातर किसानों के बैंक खातों में किया जा चुका है। किसानों को मुआवजा राशि के भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े, इसके लिए प्रयास किए गए हैं। किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान होने से उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा और वे जरूरत के संसाधन जुटा सकेंगे।
राकेश कुमार
अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम अलवर

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